सोशल संवाद / जमशेदपुर : समाजवादी चिंतक एवं वरीय अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने गलत शुक्रवार की रात टाटानगर रेलवे स्टेशन में अनुसूचित जनजाति वर्ग के 16 किशोरियों एवं तीन किशोर को धर्मांतरण के आरोप में रोके जाने, बखेड़ा तथा बवाल करने वाले सामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग जिला पुलिस एवं रेल पुलिस प्रशासन से की है। सुधीर कुमार पप्पू ने झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग द्वारा मामले को संज्ञान में लेने पर धन्यवाद दिया है वहीं उनके अनुसार चूंकि भुक्तभोगी अल्पवयस्क हैं तो इस मामले पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय तथा अनुसूचित जनजाति आयोग को भी संज्ञान में लेकर अपने स्तर से जांच करनी चाहिए।
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सुधीर कुमार पप्पू के अनुसार संस्था समेकित जन विकास केंद्र सुंदरनगर अपने स्थापना कल वर्ष 1970 से केंद्र एवं राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाएं एवं कौशल विकास पर आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम तथा कार्यशाला आयोजित करता रहा है। उसका ट्रैक रिकॉर्ड सराहनीय रहा है और धर्मांतरण जैसा कभी भी आरोप नहीं लगा है? क्योंकि उक्त संस्था को मिशनरी संचालित करती है इस कारण से बिना तथ्य के धर्मांतरण का आरोप लगाना इस सभ्य समाज में शर्मनाक है।
अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने दक्षिण बिहार ट्रेन के टीटीई की संदिग्ध भूमिका तथा कॉल डिटेल रिपोर्ट की जांच करने की जरूरत पर बल दिया है। क्यों उसने उपद्रवियों को फोन पर भ्रामक जानकारी दी। इस अधिवक्ता के अनुसार इसकी जांच बाल मित्र पुलिस पदाधिकारी द्वारा होनी चाहिए थी और किशोर किशोरियों को अलग से स्टेशन में उचित तथा शांत माहौल दिया जाना चाहिए था।
जिस तरह से किशोर किशोरियों को न्यूज़ एवं फेसबुक में वायरल कर समाज में हीरो बनने की कोशिश की है। वह जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के प्रावधान का खुल्लमखुला उल्लंघन है, ऐसे में उन लोगों पर कानूनी कार्रवाई जरूरी है। जिससे आने वाले समय में अन्य लोगों को भी सबक मिले।








