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Supreme Court का बड़ा फैसला: झारखंड के सारंडा वन का पूरा 31,468 हेक्टेयर क्षेत्र बनेगा सेंक्चुरी

By Aditi Pandey

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Supreme Court says Saranda Forest will become sanctuary

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सोशल संवाद/डेस्क: झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले में फैले प्रसिद्ध सारंडा वन क्षेत्र को लेकर Supreme Court ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह पूरा 31,468.25 हेक्टेयर क्षेत्र को वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी घोषित करे। अदालत ने सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें सरकार ने केवल 24,941 हेक्टेयर क्षेत्र को ही सेंक्चुरी घोषित करने की अनुमति मांगी थी।

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मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने यह आदेश 13 नवंबर को सुनाया। अदालत ने राज्य सरकार को चार हफ्ते के भीतर सेंक्चुरी घोषित करने का निर्देश दिया है।

इससे पहले, 27 अक्तूबर को हुई सुनवाई में झारखंड सरकार ने दलील दी थी कि अगर पूरे क्षेत्र को सेंक्चुरी घोषित किया गया, तो स्थानीय आदिवासी समुदायों का जनजीवन प्रभावित होगा। सरकार का कहना था कि क्षेत्र में मौजूद स्कूल, स्वास्थ्य उपकेंद्र और अन्य सुविधाएं बेकार हो जाएंगी। इसके साथ ही SAIL (स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड) के खनन कार्य पर भी असर पड़ेगा, जिससे राज्य की आर्थिक और औद्योगिक गतिविधियों को नुकसान होगा।

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इन दलीलों को मानने से इंकार कर दिया और साफ कहा कि पर्यावरण संरक्षण सर्वोच्च प्राथमिकता है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि इस फैसले से आदिवासियों के अधिकारों और आजीविका पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि Forest Rights Act (FRA) के तहत आदिवासियों और जंगल में रहने वाले समुदायों के सभी अधिकार सुरक्षित रहेंगे। राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि इस फैसले की सही जानकारी लोगों तक पहुंचे और किसी तरह का भ्रम न फैले।

अदालत ने कहा, “राज्य सरकार इस बात का व्यापक प्रचार-प्रसार करे कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से स्थानीय आदिवासी समुदायों के हित सुरक्षित रहेंगे और उनका विस्थापन नहीं होगा।”

इस फैसले को पर्यावरण विशेषज्ञों ने एक ऐतिहासिक निर्णय बताया है। उनका कहना है कि सारंडा वन एशिया के सबसे घने साल वन क्षेत्रों में से एक है और इसे वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी घोषित करने से जैव विविधता और वन्यजीव संरक्षण को मजबूत आधार मिलेगा।

राज्य सरकार अब चार हफ्तों के भीतर इस क्षेत्र को आधिकारिक रूप से सेंक्चुरी घोषित करने की प्रक्रिया शुरू करेगी। माना जा रहा है कि इससे झारखंड में पर्यावरण संरक्षण और इको-टूरिज्म को भी नया प्रोत्साहन मिलेगा।

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