सोशल संवाद/डेस्क : स्वाति मालीवाल से मारपीट केस में सोमवार को केजरीवाल के PA बिभव कुमार की जमानत याचिका पर तीस हजारी कोर्ट में सुनवाई हुई। बिभव ने 25 मई को कोर्ट में याचिका लगाई थी। सुनवाई के दौरान स्वाति भी कोर्ट में मौजूद रहीं।
बिभव के वकील हरिहरन ने सुनवाई के दौरान आरोप लगाया कि जब सेंसेटिव बॉडी पार्ट्स पर चोट के निशान नहीं मिले तो गैर इरादतन हत्या की कोशिश का सवाल ही नहीं है। न ही बिभव का स्वाति को निर्वस्त्र करने का कोई इरादा था। ये चोटें खुद को पहुंचाई जा सकती हैं।
बिभव के वकील ने यह भी कहा कि पुराने जमाने में ऐसे आरोप कौरवों पर लगे थे, जिन्होंने द्रौपदी का चीरहरण किया था। स्वाति ने यह FIR पूरी प्लानिंग करके 3 दिन बाद दर्ज कराई है। ये दलीलें सुनकर स्वाति कोर्ट रूम में ही रो पड़ीं। स्वाति ने बताया कि बिभव कोई आम आदमी नहीं है, वह मंत्रियों को मिलने वाली सुविधाएं इस्तेमाल करता है। उसे जमानत मिली तो मुझे खतरा होगा।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट गौरव गोयल ने बिभव कुमार की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।
बिभव के वकील बोले- केवल जमानत मांगी, बरी करने की अपील नहीं की कोर्ट में बिभव के वकील ने कहा कि CM हाउस से CCTV पहले ही बरामद कर लिया गया है, इसलिए उसमें टेम्परिंग या छेड़छाड़ का कोई सवाल ही नहीं है। पुलिस जांच के लिए बिभव पहले दिन से मौजूद रहे हैं। हम केवल जमानत की मांग कर रहे हैं, बरी करने के लिए हमारी अपील नहीं है।
स्वाति का दावा- बिभव की जमानत से मुझे और मेरे परिवार को खतरा
स्वाति मालीवाल ने कोर्ट को बताया कि मेरा बयान दर्ज करने के बाद APP नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मुझे BJP का एजेंट कहा गया। उनके पास एक बड़ी ट्रोल मशीनरी है, उन्होंने मशीनरी को पंप किया है। आरोपी को पार्टी के नेता ही मुंबई ले गए। अगर उसे जमानत पर रिहा किया गया तो मुझे और मेरे परिवार को खतरा होगा।