सोशल संवाद/ डेस्क: कोल्हान विश्वविद्यालय के डिग्री कॉलेज में चल रहे इंटरमीडिएट में अभी तक नामांकन की प्रक्रिया नहीं शुरू हो पाई है। ऐसे में विद्यार्थियों की चिंता बढ़ी हुई है। वहीं इंटरमीडिएट में पढ़ने वाले लगभग डेढ़ सौ शिक्षकों की नौकरी पर अब तलवार लटक रही है। झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से 11वीं में नामांकन को लेकर अभी तक कोई भी अधिसूचना या निर्देश जारी नहीं किए गए हैं, जबकि कॉलेज की ओर से नामांकन को लेकर सभी तैयारी पूरी कर ली गई है। जैक के निर्देश का इंतजार है जिसके बाद नामांकन शुरू होगी।
आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस तीनों स्ट्रीम में सभी डिग्री कॉलेज में कक्षाएं चलती है जिसमें सबसे ज्यादा आर्ट में मारामारी रहती है वही कॉमर्स में एवरेज तथा साइंस में सीट भरने के लिए कई बार कॉलेज द्वारा आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं फिर भी ज्यादातर कॉलेजों में साइंस और कॉमर्स के कई सीट खाली रह जाती है इसके साथ ही झारखंड अकादमी काउंसिल की ओर से सीट सीमित कर दी गई है। पहले जहां 520 प्रत्येक स्ट्रीम में सीट निर्धारित थी। इसके अलावा भी कॉलेज में 40 सीट पर ओपन एडमिशन लिए जाते थे।
ओपन सेट को हटाते हुए निश्चित सीट को भी हटाकर 385 कर दिया गया है। नई शिक्षा नीति के तहत डिग्री कॉलेज में इंटरमीडिएट की पढ़ाई नहीं करवानी है, लेकिन प्रदेश और कोल्हान में सभी डिग्री कॉलेज में इंटरमीडिएट की कक्षाएं चलती है इसे धीरे-धीरे सीमित करते हुए समाप्त करने की तैयारी है। ऐसे में इन कॉलेज में पढ़ा रहे शिक्षकों को भी सीमित किया जाएगा। वहीं कॉलेज का कहना है कि सरकार की ओर से इंटरमीडिएट संचालन के लिए कोई भी फंड जारी नहीं दिया जाता।
विद्यार्थियों के ट्यूशन फीस से ही शिक्षकों को वेतन दिया जाता है। अब विद्यार्थियों की संख्या भी सीमित कर दी गई है। ऐसे में इतने शिक्षकों को वेतन देना संभव नहीं होगा। ऐसे में कई कॉलेज शिक्षकों की आवश्यकताओं को देखते हुए जिन विषयों में शिक्षकों की जरूरत होगी वहां शिक्षक रखे जाएंगे वहीं वैसे विषय जिसमें विद्यार्थी अपना नामांकन नहीं करवाते। वहां से शिक्षकों को हटाया जा सकता है।
वही 2025 27 सत्र में विद्यार्थियों का नामांकन होगा या नहीं इस पर भी संशय बना हुआ है। कालेजों में सबसे ज्यादा आर्ट में विद्यार्थियों की मारामारी होती है आर्ट्स में कई बार कट ऑफ 80% तक चला जाता है। उसके बाद कॉमर्स और साइंस की सीट जल्द नहीं भर पाती। वहीं अब झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से डिग्री कॉलेज में चल रहे इंटरमीडिएट की सीटें अब घटा दी गई है। विद्यार्थियों के ट्यूशन फीस से ही शिक्षकों को वेतन दिया जाता है ऐसे में विद्यार्थियों की संख्या सीमित होने पर शिक्षकों को वेतन देने में समस्या आ सकती है जिसको देखते हुए कॉलेज द्वारा अब शिक्षकों की संख्या को भी कम किया जाएगा।