---Advertisement---

संविधान भारतीय लोकतंत्र की रीढ़ है, इसकी गरिमा बनाए रखने की जिम्मेवारी सभी भारतीयों की है – डा.अजय

By Tamishree Mukherjee

Published :

Follow
संविधान भारतीय लोकतंत्र की रीढ़ है

Join WhatsApp

Join Now

सोशल संवाद / जमशेदपुर  : भारतीय संविधान स्थापना दिवस के अवसर पर कांग्रेस नेता डा. अजय कुमार ने लोगों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि संविधान भारतीय लोकतंत्र की रीढ़ है, इसकी गरिमा बनाए रखने की जिम्मेवारी हम सभी भारतीयों की है. उल्लेखनीय है कि भारतीय संविधान को 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था और इसके उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस मनाया जाता है. लेकिन संविधान के लागू होने से दो महीने पहले 26 नवंबर 1949 को संविधान बनाने वाली सभा (Constitution Assembly) ने कई दौर की चर्चाओं और संशोधनों के बाद 26 नवंबर 1949 के दिन संविधान को स्वीकार किया था. इसी कारण से प्रतिवर्ष हमारे देश में 26 नवंबर को संविधान दिवस (Constitution Day) के रूप में मनाया जाता है.

यह भी पढ़े : संविधान दिवस के मौके पर सोना देवी विश्वविद्यालय में हुआ कई कार्यक्रमों का आयोजन, ली गई प्रस्तावना कि शपथ

डा. अजय ने कहा कि जिस प्रकार एक साजिश के तहत भारतीय संविधान के प्रस्तावना में निहित समाजवादी एवं धर्मनिरपेक्ष जैसे शब्द को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी जो भाजपा के घृणित मानसिकता का परिचायक है ये और बात है कि सुप्रीम कोर्ट ने उक्त याचिका को खारिज कर ना सिर्फ संविधान की रक्षा बल्कि बीजेपी नेताओं के मुंह तमाचा जड़ने का काम किया है.

संवैधानिक पदों पर बैठे लोग उड़ा रहे है संविधान की धज्जियां

डा. अजय कुमार ने मंगलवार को प्रेस बयान जारी कर कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोग ही संविधान की धज्जियां उड़ा रहे है. संविधान की मर्यादा को तार तार कर रहे हैं और देश की सर्वोच्चय संवैधानिक संस्थाएं मूकदर्शक बनी हुई है. ऐसे में संविधान की रक्षा करने की जिम्मेवारी हम भारतीयों की है. जिस प्रकार बीजेपी सिर्फ सत्ता के लिए लोगों के बीच नफरत फैलाने का काम कर रही है. इसको समझने की जरुरत है. देश का प्रधानमंत्री चुनावी सभाओं में देश के लोगों को आपस में बांटने के उद्देश्य से बटेंगे तो कटेंगे जैसे नारे लगाते है.इसके मायने क्या है ?

क्या सत्ता के शिखर पर बैठे लोग सिर्फ सत्ता के लिए इस प्रकार के बयानबाजी करेंगे औऱ देश की संबैधानिक संस्थाएं मूकदर्शक बनी रहेंगी. तो फिर देश का संविधान कैसे बचेगा ? इस प्रकार के बयानबाजी से भारतीय लोकतंत्र कहीं ना कहीं कमजोर करने का प्रयास हो रहा है. वहीं ओड़िशा का राज्यपाल रघुवर दास विदानसभा चुनाव में खुले तोर पर लोगों को अपने पक्ष में वोट देने के लिए प्रचार करता रहा और चुनाव आयोग जैसी संस्थाएं मूकदर्शक बनी रही. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार अंग्रेजों की फूट डालो राज करो की नीति के तहत देश गुलामी के जंजीरों में जकड़ गया था एक बार फिर भाजपा उसी राह पर देश को ले जाने का प्रयास कर रही है. बीजेपी अपनी सत्ता की लोलुपता के लिए देश की शांति को भंग कर उसे सांप्रदायिकता के आग में झोंकने का साजिश रच रही है. इनकी घटिया मानसिकता को समझने की जरुरत है.

YouTube Join Now
Facebook Join Now
Social Samvad MagazineJoin Now
---Advertisement---