सोशल संवाद/डेस्क : भारत पाकिस्तान टकराव के बीच अब भारत बड़े एक्शन की तैयारी कर रहा है। इंडियन एक्सप्रेस ने सरकारी सूत्रों के मुताबिक भारत आतंकी फंडिंग के मुद्दे को FATF में उठाएगा, जिससे एक बार फिर पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में डाला जा सके। सूत्रों ने बताया कि भारत खास तौर पर उन कानूनी प्रावधानों का पालन न करने की ओर ध्यान दिलाएगा, जिनका पालन करने का वादा पाकिस्तान ने 2022 में ग्रे लिस्ट से बाहर आने पर किया था।
यह भी पढ़े : सिमगा के नवापारा में समाधान शिविर, सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने सुनी जनसमस्याएं, की बड़ी घोषणाएं
FATF की ग्रे लिस्ट में भेजने के लिए क्यों बना प्लान?
इससे पहले इंडियन एक्सप्रेस ने बताया था कि भारत सरकार एफएटीएफ में इस बात पर विचार कर रही है कि पड़ोसी देश को आतंकवादी गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता देने वाले फंड पर रोक लगाई जाए। भारत सरकार ने यह कम 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद लिया था। इस आतंकी हमले में भारत के 26 नागरिक मारे गए थे।
पहले भी पाकिस्तान को लग चुके हैं FATF के झटके
बता दें कि पाकिस्तान को जून 2018 में ‘ग्रे लिस्ट’ में डाला गया था और अक्टूबर 2022 में इसे हटाए जाने तक “बढ़ी हुई निगरानी” का सामना करना पड़ा। इस सूची में होने से एफडीआई और फंडिंग पर नेगेटिव इंपैक्ट पड़ता है क्योंकि व्यवसायों को अधिक परिश्रम करना पड़ता है। सरकारी अधिकारियों ने पहले कहा था कि इससे पाकिस्तान से भारत में, खासकर जम्मू-कश्मीर में अवैध कैश फ्लो को कम करने में मदद मिली है।
भारत को सदस्य देशों से चाहिए होगा समर्थन
बता दें कि भारत ने इसी महीने की शुरुआत में आईएमएफ की बोर्ड बैठक में पाकिस्तान के लिए जुलाई 2024 से शुरू होने वाले 7 अरब डॉलर के सहायता पैकेज के तहत धनराशि जारी करने पर आपत्ति जताई थी, जिसमें पड़ोसी देश द्वारा नापाक गतिविधियों और आतंकवादी हमलों के लिए धन का दुरुपयोग करने का हवाला दिया गया था।