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कमांडर हिडमा के मारे जाने से कमजोर पड़ा नक्सली नेटवर्क, झारखंड-ओडिशा में पकड़ ढीली

By Tamishree Mukherjee

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कमांडर हिडमा के मारे जाने से कमजोर पड़ा नक्सली नेटवर्क

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सोशल संवाद/डेस्क : छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सली आंतक का सबसे बड़ा चेहरा माडवी हिडमा की आंध्रप्रदेश की पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मौत के बाद झारखंड और ओडिशा की सीमा स्थित सारंडा में आंध्रप्रदेश और छत्तीसगढ़ के नक्सलियों का झारखंड-ओडिशा में नेटवर्क कमजोर हुआ है। दोनों राज्यों की सरकारों ने वर्ष 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने का ऐलान किया था। इसी लक्ष्य को ध्यान देखकर कई जगहों पर दोनों राज्यों की पुलिस साझा अभियान चला रही है।

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सारंडा में हिडमा के पैर जमाने से झारखंड और ओडिशा में नक्सली घटनाओं में तेजी आाने की आशंका बढ़ गई थी। ओडिशा की खुफिया रिपोर्ट में यह आशंका जताई गई थी कि ओडिशा के सुंदरगढ़ होकर हिडमा के कई साथी सारंडा पहुंच गए हैं। लेकिन भाषा की समस्या से सारंडा में सक्रिय ओडिशा-झारखंड के नक्सलियों की हिडमा के साथियों से तालमेल नहीं बन रहा था। हिडमा के भी आंध्रप्रदेश से सारंडा आने से सुरक्षा बलों की परेशानी बढ़ सकती थी। सूत्र बताते हैं कि पूर्व में झारखंड के लातेहार, गिरिडीह व गुमला के नक्सली सारंडा में शरण लेकर संगठन को मजबूत करने में सहयोग करते थे। इधर, आंध्रप्रदेश के नक्सलियों का नया ठिकाना सारंडा बनने की सूचना से चौकसी बढ़ा गई है।

2026 तक देश को नक्सल मुक्त करने की घोषणा

दरअसल, केंद्र सरकार ने भी 2026 तक देश को नक्सल मुक्त करने की घोषणा कर चुकी है। इससे आंध्रप्रदेश व छत्तीसगढ़ के अलावा ओडिशा और झारखंड की पुलिस नक्सलियों पर अंकुश लगाने में जुटी हैं।

18 नवंबर को मुठभेड़ में मारा गया हिडमा

हिडमा आंध्रप्रदेश में सख्ती बढ़ने के कारण ही साथियों को सारंडा भेज रहा था ताकि, नए क्षेत्र से संगठन का विस्तार कर सके, लेकिन हिडमा 18 नवंबर को आंध्रप्रदेश में ही सुरक्षा बलों से मुठभेड़ में मारा गया। इससे झारखंड एवं ओडिशा पुलिस को भी राहत मिली है क्योंकि झारखंड में पहले से ही सारंडा को नक्सली मुक्त करने का अभियान चल रहा है।

पुलिस नक्सलियों की कमर तोड़ने में जुटी

झारखंड पुलिस अर्द्धसैनिक बलों के साथ पुलिस लिए साारंडा में सक्रिय नक्सलियों की कमर तोड़ने में जुटी है। हिडमा की सक्रियता से सुरक्षा बलों की परेशानी बढ़ सकती थी। सारंडा क्षेत्र में बाहरी लोगों की गतिविधि बढ़ने की सूचना पुलिस तक भी पहुंची थी। इससे सर्च अभियान तेज हो गई थी क्योंकि नक्सली पहले ही झारखंड व ओडिशा क्षेत्र में लाइन पर विस्फोट करने के साथ स्टेशन भवन को उड़ा चुके हैं।

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