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विपक्ष को उम्मीद थी कि देश की सुरक्षा से संबंधित इतनी गंभीर बैठक में प्रधानमंत्री मौजूद रहेंगे, लेकिन उनको बिहार का कार्यक्रम ज्यादा जरूरी लगा- संजय सिंह

By Tamishree Mukherjee

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विपक्ष को उम्मीद थी कि देश की सुरक्षा से संबंधित इतनी गंभीर बैठक में प्रधानमंत्री रहेंगे

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सोशल संवाद / नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बीते मंगलवार को पर्यटकों पर हुए कायराना आतंकवादी हमले को लेकर शुक्रवार को हुई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने केंद्र सरकार के साथ खड़ा होने का भरोसा दिया। बैठक के बाद आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि विपक्ष ने सरकार से पाकिस्तान से पोषित व समर्थित आतंकवाद को उन्हीं की भाषा में मुंहतोड़ जवाब देने की मांग की है। विपक्ष को उम्मीद थी कि देश की सुरक्षा से संबंधित इतनी गंभीर बैठक में प्रधानमंत्री जरूर मौजूद रहेंगे, लेकिन उनको बिहार जाना ज्यादा महत्वपूर्ण लगा। इस आतंकवादी हमले में सुरक्षा की बड़ी खामी सामने आई है। इसलिए विपक्ष ने इसके लिए कंेद्र से जवाबदेही तय करने और सोशल मीडिया के जरिए देश भर में फैलाई जा रही नफरत पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है।

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सर्वदलीय बैठक के बाद आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि आज पूरा देश गुस्से और नाराजगी में है। देश का हर नागरिक यह चाहता है कि भारत की सरकार आतंकवादियों को उन्हीं की भाषा में जवाब दे। जैसे उन्होंने हमारे निहत्थे और निर्दाेष लोगों की हत्या की है। आतंकियों ने निहत्थे व निर्दोष पर्यटकों को मारा है। भारत को भी उन्हीं की भाषा में आतंकवादियों का समूल नाश करना चाहिए। आतंकवादियों को बर्बाद किया जाए और उनके कैंप को बर्बाद किया जाएं। अगर पाकिस्तान से यह आतंकवाद संचालित हो रहा है, तो उसके खिलाफ भी केंद्र सरकार कार्रवाई करे। आज सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने एकमत से यह बात केंद्र सरकार के सामने रखी है।

संजय सिंह ने कहा कि यह इतनी गंभीर और संवेदनशील बैठक थी। देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के इतने गंभीर और संवेदनशील मुद्दे पर बैठक थी और सभी विपक्षी दलों की अपेक्षा थी कि प्रधानमंत्री इस बैठक में जरूर शामिल होंगे। लेकिन उन्हें बिहार का कार्यक्रम अधिक महत्वपूर्ण लगा और इस बैठक में आना महत्वपूर्ण नहीं लगा। सर्वदलीय बैठक में यह सवाल भी कई सांसदों ने उठाया।

संजय सिंह ने कहा कि एक बहुत महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई, जो अपने आप में हास्यास्पद भी है और दुख देने वाली भी है। यह घटना 22 अप्रैल को हुई और 20 अप्रैल को बिना सुरक्षा एजेंसियों की जानकारी के उस जगह को खोल दिया गया। यह जानकारी दी गई कि पहले वहां पर सिर्फ अमरनाथ यात्रा के दौरान पर्यटक जाते थे, लेकिन 20 अप्रैल को बिना किसी सुरक्षा एजेंसी को जानकारी दिए वह स्थान खोल दिया गया। उस स्थान पर 500 से 1000 लोग जा रहे हैं, पुलिस, सेना, सीआरपीएफ और हमारी खुफिया एजेंसियों को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी। आतंकवादी आते हैं और लोगों को मारकर चले जाते हैं। इस हमले में सुरक्षा की बहुत बड़ी खामी सामने आई है। विपक्ष ने मांग की है कि जवाबदेही तय कर कार्रवाई की जानी चाहिए कि सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक क्यों हुई?

संजय सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार का जवाब परंपरागत था। जैसा हमेशा गोल मोल वाला जवाब होता है, वैसा ही रहा। साथ ही, विपक्ष के साथ सत्ता पक्ष से जुड़े कुछ दलों के सदस्यों की तरफ से यह भी बात रखी है कि जिस प्रकार से घटना के बाद सोशल मीडिया और मीडिया के जरिए देश के अलग-अलग हिस्सों में नफरत फैलाने की कोशिश की जा रही है, उस पर तत्काल रोक लगाई जाए और देश में शांति व अमन के साथ पाकिस्तान द्वारा पोषित व समर्थित आतंकवाद को कड़ा से कड़ा जवाब दिया जाए।

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