सोशल संवाद/डेस्क : नरेंद्र मोदी ने नीतीश कुमार के बारे में क्या-क्या न कहा उनकी डीएनए पर सवाल उठाया बावजूद नीतीश कुमार ने सारे नैतिकता को ताख पर रखकर प्रधानमंत्री पद के लिए ललाहित नरेंद्र मोदी को समर्थन दे दिया। हद तो तब हो गई जब एनडीए की बैठक में नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी का पैर छूकर प्रणाम किया। इस वाक्य से नीतीश कुमार की चारों तरफ थूं थूं हो रही है जबकि नीतीश और नरेंद्र मोदी की उम्र लगभग एक है। यह दर्शाता है कि नीतीश कुमार कुर्सी पाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
समाजवादी चिंतक और अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने उक्त बातें कही है। उन्होंने कहा कि जब नीतीश कुमार एनडीए से अलग हुए थे तो उन्होंने भी भाजपा और नरेंद्र मोदी के बारे में काफी आपत्तिजनक बातें कही थी यहां तक की उन्होंने आरएसएस और भाजपा मुक्त भारत का नारा एवं मिट्टी में मिल जाएंगे भाजपा में नहीं जाएंगे दिया था। लेकिन दोनों व्यक्ति अपनी नैतिकता को खोकर फिर हाथ मिला रहे हैं इसकी आलोचना बिहार समेत पूरे देश में हो रही है।
नरेंद्र मोदी दो बार प्रधानमंत्री रह चुके हैं उन्होंने एक जनसभा में कहा था कि बिहार को सवा लाख करोड़ का पैकेज देंगे परन्तु नहीं दिया। नीतीश कुमार पिछले 10 वर्षों से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते आ रहे हैं जिसे तत्कालीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खारिज कर चुके हैं। नीतीश कुमार अपने निजी स्वार्थ के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं यह साबित हो गया। एवं इंडिया गठबंधन में प्रधानमंत्री पद के लिए शर्त लगा रखे थे पलटू राम चाचा को देश का सर्वोच्च राजनीतिक शिकारी का सम्मान देना चाहिए।