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Cheque Bounce Rule: चेक बाउंस हुआ तों नहीं होगी जेल, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, जानें नया नियम

By Annu kumari

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सोशल संवाद/ डेस्क: अगर आपने किसी को पेमेंट के लिए चेक दिया और गलती से बाउंस हो जाता है तों घबराइए नहीं आपको अपनी सफाई देने का मौका मिलेगा। जैसे ही चेक बाउंस होता था, तो सामने वाला केस कर देता था लेकिन अब ऐसा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि चेक बाउंस के मामलों में सीधे जेल भेजने की जरूरत नहीं है। पहले आरोपी को अपनी सफाई और सुधार का पूरा मौका दिया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि चेक बाउंस के केस में अब आरोपी को गिरफ्तार करने से पहले सुधार का मौका देना जरूरी है। पहले जैसे ही शिकायत मिलती थी, आरोपी को जेल भेजने की कार्रवाई शुरू हो जाती थी। लेकिन अब कोर्ट ने साफ कर दिया है कि सिर्फ शिकायत के आधार पर किसी को सीधे जेल नहीं भेजा जाएगा। पहले आरोपी को नोटिस मिलेगा, सफाई का मौका मिलेगा और फिर कोर्ट कार्रवाई करेगा।
क्या होता है चेक बाउंस?

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चेक बाउंस तब होता है जब आप किसी को चेक से पेमेंट करते हैं और आपके अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस नहीं होता। बैंक चेक को रिटर्न कर देता है यानी पेमेंट नहीं होता। लेकिन बैलेंस की कमी ही अकेला कारण नहीं होता। गलत सिग्नेचर, ओवरराइटिंग या एक्सपायर्ड चेक भी बाउंस होने की वजह बन सकते हैं। इसलिए चेक भरते समय छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

अगर चेक बाउंस हो जाए तो तुरंत क्या करें?
सबसे पहले घबराएं नहीं। अगर चेक बाउंस हो गया है, तो चेक प्राप्त करने वाले से बात करके मामला सुलझाने की कोशिश करें। अगर आपको लीगल नोटिस मिला है, तो 15 दिन के अंदर पेमेंट कर दें। ऐसा करने से केस आगे नहीं बढ़ेगा और आप कोर्ट-कचहरी के झंझट से बच सकते हैं।
चेक भरते समय किन बातों का रखें ध्यान?
चेक देने से पहले यह पक्का कर लें कि आपके खाते में पर्याप्त बैलेंस है। सही तारीख, सही सिग्नेचर और राशि जरूर चेक करें। ओवरराइटिंग बिल्कुल न करें। अगर गलती से चेक बाउंस हो गया है, तो नोटिस का जवाब जरूर दें और जरूरत पड़े तो कोर्ट जाकर सफाई दें।

भारत में चेक बाउंस के मामलों को Negotiable Instruments Act, 1881 के तहत देखा जाता है, खासकर धारा 138, 139 और 142 के तहत। अगर आरोपी दोषी पाया जाता है, तो उसे दो साल तक की सजा, जुर्माना या दोनों सजा हो सकती हैं। हालांकि, जब तक कोर्ट का अंतिम फैसला नहीं आता, तब तक उसे जेल भेजना जरूरी नहीं है।

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