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दिल्ली में प्रदूषण खत्म हो उसके लिए केन्द्र सरकार ने 921 ई-बस दिल्ली को दे चुकी है – कमलजीत सहरावत

By Tamishree Mukherjee

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प्रदूषण खत्म हो उसके लिए केन्द्र सरकार ने 921 ई-बस

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सोशल संवाद / नई दिल्ली  : दिल्ली भाजपा की महामंत्री एवं पश्चिमी दिल्ली से सांसद कमलजीत सहरावत ने आज एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि मिनिस्ट्री ऑफ अर्बन हाउंसिंग अफेयर ने देश और खासकर दिल्ली के अंदर कई विकास कार्य किए है जिससे सिर्फ दिल्लीवालों को नहीं बल्कि पूरे दिल्ली एनसीआर में रहने वालों को फायदा हुआ है। प्रेसवार्ता का संचालन प्रदेश मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर ने किया।  

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कमलजीत सहरावत ने कहा कि साल 2014 से पहले भारत में मेट्रो 248 किलोमीटर तक सीमित थी लेकिन आज 2024 में 993 किलोमीटर का मेट्रो नेटवर्क पूरे देश के है। उन्होंने कहा कि भारत में सबसे अधिक मेट्रो रेल का निर्माण दिल्ली एनसीआर में हुआ है। 393 किलोमीटर की मेट्रो लाइन पूरी हो चुकी है और 143 किलोमीटर की मेट्रो लाइन पर काम चालू है। दिल्ली वाले मेट्रो का प्रयोग सबसे ज्यादा करते हैं और औसतन 74 लाख व्यक्ति प्रति दिन का उपयोग है। इससे साबित होता है कि मेट्रो का कितना महत्व है। उन्होंने कहा कि पहले मेट्रो का निर्माण विस्तार 0.68 किलोमीटर प्रति माह होता था लेकिन अब 6 किलोमीटर प्रति माह होता है। हम विकास की गति इसी को देखकर समझ सकते हैं।

दिल्ली को ई-बसों की सुविधा देने का निर्णय केन्द्र सरकार द्वारा पीएम ई-बस योजना के अंतर्गत अगस्त 2016 में हुआ और 10,000 बस देने की बात कही गई जिसमें से 921 बसें अभी तक दी जा चुकी है। इसमें प्रदूषण कम करने की एक प्रयास किया गया है।

कमलजीत सहरावत ने कहा कि आरआरटीएस सिस्टम को डेवलप करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बहुत ध्यान दिया 2019 में 48 किलोमीटर की पहली आरआरटीएस लाइन शुरू किया गया। उन्होंने कहा कि पीएम आवास योजना के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले 10 सालों में 4618 शहरों में 1.18 लाख घर देने का लक्ष्य देने का लक्ष्य रखा गया और अब तक 88 लाख घर दिए जा चुके हैं। 16 लाख अल्पसंख्यक वर्ग को, 23 लाख एस.टी. एवं एस.सी. और 42 लाख ओ.बी.सी. वर्ग को दिया गया है।

पीएम-2 के अंतर्गत एक करोड़ नए घर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। लेकिन दिल्ली में यह योजना केजरीवाल सरकार ने नहीं लागू की हैं, इसलिए यहां के लोगों को इसका फायदा नहीं मिल रहा है।

कमलजीत सहरावत ने कहा कि घर-घर को नल से जल देने का काम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया है जिसके लिए 273 लाख करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है। दिल्ली में केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी जब जलमंत्री थे तो उन्होंने नमामी गंगे मिशन के अंतर्गत 2980 करोड़ रुपये अरविंद केजरीवाल सरकार को 8 स्थानों पर एस.टी.पी. लगाने के लिए दिए थे दिया था लेकिन उन पैसों का क्या हुआ आज तक केजरीवाल ने कोई हिसाब नहीं दिया।

सहरावत ने कहा कि आज दिल्ली में वेस्ट मैनेजमेंट के लिए केजरीवाल सरकार को प्रति वर्ष केंद्र सरकार द्वारा फण्ड दिए जाते हैं लेकिन अभी तक उसका कोई फायदा नहीं दिखाई दे रहा है क्योंकि केजरीवाल सरकार दिल्ली वालो के साथ भेदभाव करती है और विकास कार्यो को रोककर उसका आरोप केंद्र सरकार पर डालती है। 

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