सोशल संवाद/डेस्क : आज की डिजिटल लाइफस्टाइल में ईयरफोन (Earphones) हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं। चाहे म्यूज़िक सुनना हो, ऑनलाइन क्लास या मीटिंग अटेंड करनी हो या फिर सफर के दौरान टाइमपास – लोग घंटों ईयरफोन लगाए रहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि लगातार और तेज आवाज़ में ईयरफोन का इस्तेमाल आपकी सुनने की क्षमता (Hearing Ability) को धीरे-धीरे कमज़ोर कर सकता है?

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विशेषज्ञों का कहना है कि ईयरफोन का लंबे समय तक इस्तेमाल करने से कान की नसों और सेंसिटिव कोशिकाओं पर दबाव पड़ता है, जिससे श्रवण शक्ति कमजोर होने लगती है। शुरुआत में यह हल्की परेशानी लगती है, लेकिन धीरे-धीरे यह समस्या Hearing Loss यानी स्थायी सुनने की दिक्कत में बदल सकती है।
क्यों होते हैं ईयरफोन से नुकसान?
ईयरफोन सीधे ध्वनि तरंगों (Sound Waves) को कान के भीतर भेजते हैं। जब हम हाई वॉल्यूम पर लंबे समय तक म्यूज़िक या कॉल सुनते हैं, तो यह कान के नाज़ुक हिस्सों पर दबाव डालता है। यही कारण है कि कानों की कोशिकाएँ धीरे-धीरे कमजोर हो जाती हैं और सुनने की क्षमता प्रभावित होती है।
लगातार ईयरफोन लगाने से होने वाले नुकसान
- सुनने की क्षमता में कमी (Hearing Loss)
तेज आवाज़ में लंबे समय तक गाने या कॉल सुनने से कान की कोशिकाएँ डैमेज होने लगती हैं। इससे धीरे-धीरे आवाज़ें साफ़ सुनाई नहीं देतीं और समय के साथ यह स्थायी सुनने की समस्या बन सकती है।
- कान में संक्रमण (Ear Infection)
ईयरफोन लगातार लगाने से कानों में हवा नहीं पहुंच पाती। इससे बैक्टीरिया पनपने लगते हैं और कान में इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
- Ear Wax ब्लॉकेज
कान में बनने वाला वैक्स (Ear Wax) गंदगी को बाहर निकालने का प्राकृतिक तरीका है। लेकिन लगातार ईयरफोन लगाने से यह प्रक्रिया बाधित हो जाती है और ब्लॉकेज या इंफेक्शन हो सकता है।
- सिरदर्द और तनाव (Headache & Stress)
लंबे समय तक ईयरफोन का इस्तेमाल करने से दिमाग और कानों पर दबाव पड़ता है। इससे सिरदर्द, कान में घंटी बजने (Tinnitus) और तनाव जैसी दिक्कतें बढ़ सकती हैं।
- ध्यान केंद्रित करने में परेशानी
तेज आवाज़ में ईयरफोन सुनने की आदत से नींद की गुणवत्ता घटती है और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता भी प्रभावित होती है।
कैसे पहचानें कि सुनने की क्षमता घट रही है?
- अक्सर दूसरों से बातचीत के दौरान “क्या कहा?” बार-बार पूछना।
- टीवी, मोबाइल या म्यूज़िक की आवाज़ ज़्यादा तेज़ करना।
- हल्की आवाज़ें न सुन पाना लेकिन शोरगुल वाली आवाज़ें सुनाई देना।
- कानों में लगातार गूंज (Ringing Sound) महसूस होना।
अगर आपके साथ भी ये लक्षण दिख रहे हैं, तो यह श्रवण क्षमता कम होने का संकेत हो सकता है और आपको तुरंत सतर्क हो जाना चाहिए।
सुनने की क्षमता बचाने के उपाय
1. 60-60 नियम अपनाएँ
ऑडियो या म्यूज़िक को 60% वॉल्यूम से ज़्यादा पर न सुनें और लगातार 60 मिनट से ज़्यादा ईयरफोन का इस्तेमाल न करें।
2. कानों को आराम दें
हर 1-2 घंटे में ईयरफोन निकालकर कानों को 10-15 मिनट का ब्रेक दें।
3. Noise Cancelling Earphones का प्रयोग करें
ये बाहरी शोर को कम करते हैं, जिससे हाई वॉल्यूम की ज़रूरत नहीं पड़ती।
4. ईयरफोन और कान साफ रखें
गंदे ईयरफोन बैक्टीरिया का घर बन सकते हैं। इन्हें नियमित रूप से साफ करें और कानों की सफाई का भी ध्यान रखें।
5. लंबे समय तक इस्तेमाल से बचें
ऑफिस, ट्रैवल या घर में ज़रूरत के हिसाब से ही ईयरफोन का प्रयोग करें। लगातार लंबे समय तक इस्तेमाल से बचें।
ईयरफोन हमारी ज़िंदगी को आसान बनाते हैं, लेकिन अत्यधिक और गलत इस्तेमाल से सुनने की क्षमता खतरे में पड़ सकती है। अगर आप स्मार्टफोन या लैपटॉप पर लगातार ईयरफोन का उपयोग करते हैं, तो समय रहते सावधानी बरतना ज़रूरी है।
याद रखें – कम वॉल्यूम, सीमित समय और नियमित ब्रेक आपके कानों को लंबे समय तक स्वस्थ रख सकते हैं।
FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. क्या रोज़ाना ईयरफोन लगाने से सुनने की क्षमता कम हो सकती है?
A1. हाँ, लंबे समय तक और तेज आवाज़ में ईयरफोन लगाने से Hearing Loss का खतरा बढ़ सकता है।
Q2. ईयरफोन लगाने से कान में संक्रमण क्यों होता है?
A2. लगातार ईयरफोन लगाने से कान में हवा नहीं पहुँचती और बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जिससे इंफेक्शन हो सकता है।
Q3. ईयरफोन कितनी देर तक लगाना सुरक्षित है?
A3. विशेषज्ञों के अनुसार, 60 मिनट से ज़्यादा लगातार ईयरफोन का उपयोग नहीं करना चाहिए और वॉल्यूम 60% से अधिक नहीं होना चाहिए।
Q4. क्या Noise Cancelling Earphones फायदेमंद हैं?
A4. जी हाँ, ये बाहरी शोर को कम करते हैं और कम वॉल्यूम पर साफ आवाज़ सुनने में मदद करते हैं।
Q5. सुनने की क्षमता घटने के शुरुआती लक्षण क्या हैं?
A5. बार-बार “फिर से बोलो” कहना, टीवी/म्यूज़िक की आवाज़ तेज़ करना और कान में गूंज सुनाई देना इसके मुख्य संकेत हैं।








