सोशल संवाद / डेस्क : पूजा –पाठ में कुछ लगे चाहे ना लगे नारियल अवश्य लगता है। नए दुकान का शुभारंभ हो, शादी-विवाह, नयी गाडी, गृह प्रवेश, साप्ताहिक व्रत आदि से लेकर सभी मौके पर नारियल का इस्तेमाल होता है। नारियल फोड़ा जाता है साथ ही चढ़ाया भी जाता है। पूजा सामग्री में नारियल को जरूर शामिल किया जाता है,क्योंकि इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। आइए जानते हैं कि पूजा में नारियल का इस्तेमाल करने के क्या लाभ और महत्व हैं।
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शास्त्रों में बताया गया है कि नारियल का प्रयोग करने से कई प्रकार के दोष दूर हो जाते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान विष्णु जब पृथ्वी पर अवतरित हुए तो अपने साथ मां लक्ष्मी, नारियल वृक्ष और कामधेनु गाय को भी साथ लेकर आए थे। इसलिए नारियल वृक्ष को कल्पवृक्ष भी कहा जाता है। नारियल में त्रिदेव यानी भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों का वास होता है। नारियल पर दिखाई देने वाली तीन आंख भगवान शिव के त्रिनेत्र का रूप मानी जाती हैं। नारियल पानी का घर में छिड़काव करने से सभी नकारात्मक शक्तियां नष्ट हो जाती हैं।
देवी-देवताओं को नारियल अर्पित करने से सभी प्रकार के कष्टों का निवारण होता है। साथ ही मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। ज्योतिष शास्त्र में नारियल पानी को चन्द्रमा का प्रतीक माना गया है। भगवान को नारियल चढ़ाने के बाद उसे प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है। नारियल का पानी बेहद पवित्र और सबसे शुद्ध होता है। नारियल का पानी पीने से कई तरह के रोग भी ठीक होते हैं।
मान्यता है कि नारियल फोड़ने से शुभ कार्य बिना किसी बाधा के पूर्ण होता है।
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