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चुनावी बॉन्‍ड का पूरा सच क्‍या है? सुप्रीम कोर्ट को SBI ने हफनामे में बताया

By admin

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सोशल संवाद/ डेस्क : भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद मंगलवार शाम को निर्वाचन आयोग (चुनाव आयोग) को उन कंपन‍ियों या संगठनों की डि‍टेल सौंप दी है, जिन्होंने अब समाप्त हो चुके चुनावी बॉण्ड खरीदे थे और राजनीतिक दलों ने उन्हें प्राप्त किया था. आपको बता दें क‍ि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एसबीआई को 12 मार्च को कामकाजी समय समाप्त होने तक निर्वाचन आयोग को चुनावी बॉण्ड का विवरण सौंपने का आदेश दिया था. एसबीआई ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा कि उसने निर्वाचन आयोग को चुनावी बॉण्ड की ड‍िटेल सौंप दी है.

एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है क‍ि चुनावी बॉण्ड की खरीद की तारीख, खरीददारों के नाम और मूल्य का विवरण निर्वाचन आयोग को सौंप दिया है. इसमें चुनावी बॉण्ड भुनाने की तारीख, चंदा प्राप्त करने वाले राजनीतिक दलों के नाम की जानकारी भी निर्वाचन आयोग को सौंपी गई है. एसबीआई ने शीर्ष अदालत से कहा कि 14 अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 के बीच खरीदे और भुनाए गए चुनावी बॉण्ड के संबंध में निर्वाचन आयोग को विवरण सौंपा गया है.

एसबीआई ने अपने हलफनामे में यह भी कहा कि जिन राजनीतिक पार्टियों के द्वारा इलेक्ट्रोल बॉन्‍ड के पैसा कैश नहीं करवाया गया है. वह पैसा प्रधानमंत्री रिलीफ फंड में चला जाएगा. एसबीआई ने अपने हलफनामे में बताया है कि 187 इलेक्ट्रोल बॉन्‍ड का पैसा राजनीतिक पार्टियों के द्वारा कैश नहीं करवाया गया वह पैसा प्रधानमंत्री रिलीफ फंड को चला गया है. एसबीआई ने अपने हलफनामे में कहा है कि बैंक ने सील बंद लिफाफे में एक पेन ड्राइव में दो पीडीएफ फाइल के जरिए सामग्री सौंपी है, जो पासवर्ड से संरक्षित हैं.

जिस इलेक्टोरल बॉन्ड का भुगतान किसी पार्टी को नहीं हो पाया उसकी रकम पीएम रिलीफ फंड में जमा कर दी गई है. हलफनामे में बैंक ने आंकड़ों के जरिए बताया है कि पहली अप्रैल 2019 के बाद से 15 फरवरी 2024 तक कुल 22217 एलिक्टोरल बॉन्ड्स बिके. इनमें से 22030 भुना लिए गए. इनमें से 187 का भुगतान नहीं लिया गया. जाहिर है नियमों के मुताबिक, वो पीएम रिलीफ फंड में जमा कर दिए गए हैं.

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