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जो आपने हमें सिखाया है, जो गांधी जी ने हमें सिखाया है, जो सरदार पटेल जी ने हमें सिखाया है, वही हमने गुजरात में करना है – राहुल गांधी

By Tamishree Mukherjee

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सोशल संवाद / गुजरात : राहुल गांधी ने कहा, कल मैं यहां आया और सीनियर लीडर्स से, डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट से, ब्लॉक प्रेसिडेंट से मेरी मुलाकात हुई। मेरा लक्ष्य था कि जो आपके दिल में बात है, जो आपके दिल में दर्द है उसे मैं समझूं, उसे मैं सुनूं। बहुत बातें निकलीं, संगठन के बारे में, गुजरात की राजनीति के बारे में, जो यहां की सरकार है, वह किस प्रकार से काम करते हैं, धमकाते हैं, डराते हैं उसके बारे में और मैं अच्छी तरह आपकी बात सुन रहा था और मेरे दिमाग में एक सवाल उठा कि मेरी और कांग्रेस पार्टी की गुजरात में क्या जिम्मेदारी बनती है? अगर मैं यहां आया हूं, सिर्फ कांग्रेस पार्टी के लिए नहीं आया हूं, मैं गुजरात के युवाओं के लिए, गुजरात के किसानों के लिए, जो छोटे बिजनेसमैन हैं उनके लिए, जो मेरी बहनें हैं उनके लिए आया हूं।

तो मैंने अपने आपसे पूछा कि मेरी और कांग्रेस पार्टी की क्या जिम्मेदारी है? अब तकरीबन 30 साल हो गए, हम यहां सरकार में नहीं हैं और जब भी मैं आता हूं, तो डिस्कशन 2017 चुनाव पर होता है- 2012, 2007, 2022, 2027, मगर सवाल चुनाव का नहीं है। जो हमारी जिम्मेदारी है, उसको जब तक हम पूरा नहीं करेंगे, गुजरात की जनता हमें चुनाव नहीं जिताएगी और सचमुच में हमें गुजरात की जनता से यह मांगना भी नहीं चाहिए कि आप हमें सरकार दीजिए, जब तक हमने अपनी जिम्मेदारी पूरी करी। जिस दिन हमने अपनी जिम्मेदारी पूरी कर दी, उस दिन मैं आपको गारंटी करके कहता हूं कि गुजरात के सारे के सारे लोग कांग्रेस पार्टी को अपना समर्थन दे देंगे।

तो मेरी जिम्मेदारी क्या है? मैंने एक कांग्रेस पार्टी की बोली और अपनी बोली। मेरी जिम्‍मेदारी क्या बनती है? जब कांग्रेस पार्टी को अंग्रेजों का सामना करना पड़ रहा था, हम सब जगह नेतृत्व को ढूंढ रहे थे, अंग्रेज हमारे सामने थे, कांग्रेस पार्टी हिंदुस्तान की जनता को रिप्रेजेंट करती थी, मगर हमारा कोई लीडर नहीं था। लीडर कहां से आया – लीडर साउथ अफ्रीका से आया। कौन थे – महात्मा गांधी थे और किसने हमें दिए – साउथ अफ्रीका ने नहीं दिया, गुजरात ने कांग्रेस पार्टी को हमारा ओरिजिनल नेतृत्व दिया और उस नेतृत्व ने हमें सोचने का तरीका, लड़ने का तरीका, जीने का तरीका दिया। गांधी जी के बिना कांग्रेस पार्टी देश को आजादी नहीं दिलवा पाती और गुजरात के बिना गांधी जी नहीं होते… सीधी सी बात।

तो अगर हमें रास्ता दिखा, हमारे संगठन को रास्ता दिखा, हिंदुस्तान को रास्ता दिखा, तो गुजरात ने रास्ता दिखाया था और उनके एक कदम पीछे आपने हमें सरदार पटेल दि‍ए। तो हमारे जो सबसे बड़े नेता थे, पांच जो सबसे बड़े नेता थे कांग्रेस पार्टी के उसमें से दो गुजरात ने हमें दिए। गुजरात हमसे यही मांग रहा है, गुजरात फंसा हुआ है, गुजरात को रास्ता नहीं दिख रहा है, गुजरात रास्‍ता देखना चाहता है, आगे बढ़ना चाहता है और कांग्रेस पार्टी… मैं कांग्रेस पार्टी का मेंबर हूं और मैं स्टेज से कह रहा हूं कि गुजरात की कांग्रेस पार्टी उसको रास्ता नहीं दिखा पा रही और मैं शर्मा कर नहीं बोल रहा हूं, मैं डरकर नहीं बोल रहा हूं, मगर मैं आपके सामने यह बात रखना चाहता हूं कि चाहे हमारे कार्यकर्ता हों, चाहे राहुल गांधी हो, चाहे हमारे जनरल सेक्रेटरी हों, चाहे हमारे पीसीसी प्रेसिडेंट हों, हम गुजरात को रास्ता नहीं दिखा पा रहे हैं और हमें यह सबसे पहले… अगर हम गुजरात की जनता की रिस्पेक्ट करते हैं तो हमें यह साफ कहना पड़ेगा कि आज तक जो पिछले 15-20-30 साल जो गुजरात की एक्सपेक्टेशन हमसे थी, मुझसे थी, हमारे पीसीसी प्रेसिडेंट से थी, हमारे इंचार्ज से थी, वह हम पूरी नहीं कर पा रहे हैं, पहले यह बोलना पड़ेगा, क्योंकि अगर हम यह नहीं बोलेंगे, तो हमारा गुजरात की जनता से कभी रिश्ता नहीं बनेगा और मैं यहां गुजरात के युवाओं से रिश्ता बनाने आया हूं।

अब सवाल उठता है क्यों और उसका जवाब है। जवाब है – कि गुजरात की जो लीडरशिप है, गुजरात के जो कार्यकर्ता हैं, गुजरात के जो डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट्स हैं, ब्लॉक प्रेसिडेंट्स हैं उसमें दो तरीके के लोग हैं। डिवीजन है। अभी यहाँ पर बैठे हुए सब लोग, मगर दो टाइप के हैं। एक है, जो जनता के साथ खड़ा है, जो जनता के लिए लड़ता है, जो जनता की इज्जत करता है और जिसके दिल में कांग्रेस पार्टी की विचारधारा है और दूसरा है, जो जनता से कटा हुआ है, दूर बैठता है, जनता की इज्जत नहीं करता है और उसमें से आधे बीजेपी से मिले हैं। जब तक हमने इन दो को क्लियरली अलग नहीं किया, तब तक गुजरात की जनता हम में बिलिव नहीं कर सकती है। गुजरात की जनता, गुजरात के व्यापारी, गुजरात के स्मॉल और मीडियम बिजनेस, गुजरात के किसान, गुजरात के मजदूर, गुजरात के स्टूडेंट्स अपोजिशन चाहते हैं, विकल्प चाहते हैं, बी टीम नहीं चाहते हैं।

तो मेरी जिम्मेदारी ये दो जो ग्रुप्स हैं, इनको छानने का है। कांग्रेस पार्टी में नेताओं की कमी नहीं है। डिस्ट्रिक्ट लेवल, ब्लॉक लेवल, सीनियर लेवल नेता हैं, बब्बर शेर हैं, मगर पीछे से चेन लगी हुई है और बब्बर शेर बंधे हुए हैं सब। एक बार मेरी मीटिंग हो रही थी, वहाँ पर शायद मध्य प्रदेश का डेलिगेशन था एक। कार्यकर्ता खड़ा हुआ, कहता है राहुल जी, आप एक काम कर दीजिए। मैंने कहा क्या? कहता है दो तरीके के घोड़े होते हैं। एक होता है रेस का, एक होता है शादी का। कांग्रेस पार्टी रेस के घोड़े को बारात में डाल देती है और बारात के घोड़े को रेस में डाल देती है।

अब गुजरात की जनता देख रही है, कह रही है भईया, कांग्रेस पार्टी ने रेस में बारात का घोड़ा डाल दिया। तो अगर हमें रिश्ता बनाना है, तो हमें दो काम करने हैं। पहला काम – ये जो दो ग्रुप्स हैं, इनको अलग करना है, सीधा। अगर हमें सख्त कार्रवाई करनी पड़ी, 10, 15, 20, 30, 40 लोगों को निकालना पड़ा, निकाल देना चाहिए। बीजेपी के लिए अंदर से काम कर रहे हैं, चलो जाकर देखते हैं, बाहर से काम करो। तुम्हारी वहाँ जगह नहीं बनेगी, बाहर फेंक देंगे तुम्हें। तो पहला काम ये करना है और जैसे ही, मतलब अगर हमारा कोई डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट हो, ब्लॉक प्रेसिडेंट हो, सीनियर लीडर हो, तो यहाँ पर कांग्रेस होनी चाहिए। दिल में कांग्रेस होनी चाहिए। जीतने-हारने की बात छोड़ दो अभी, जीतने – हारने की बात छोड़ दो, बस हमारे जो डिस्ट्रिक्ट प्रेजिडेंट्स हैं, जो हमारे लीडर हैं, अगर उनका यहाँ हाथ ऐसे कटे, तो कांग्रेस का खून निकलना चाहिए। पहला काम ये है और संगठन का कंट्रोल उन लोगों के हाथ में जाना चाहिए। जैसे ही हम ये करेंगे, तूफान जैसे गुजरात की जनता हमारे संगठन में आने की कोशिश करेगी और हमें उनके लिए दरवाजे खोलने पड़ेंगे और हमें गुजरात को… अब चुनाव के बारे में बात नहीं करनी। ये हमारा प्रोजेक्ट दो साल का नहीं है, तीन साल का नहीं है, ये हमारा प्रोजेक्ट पच्चास साल का है और अब हमें कांग्रेस पार्टी की विचारधारा, जो सचमुच में गुजरात की विचारधारा है, जो आपने हमें दी, आपके बिना कांग्रेस की विचारधारा होती नहीं।

तो जो आपने हमें सिखाया है, जो गांधी जी ने हमें सिखाया है, जो सरदार पटेल जी ने हमें सिखाया है, वही हमने गुजरात में करना है। मैंने कहा कि गुजरात फंसा हुआ है। गुजरात की बैकबोन क्या है – गुजरात की बैकबोन छोटे व्यापारी हैं, स्मॉल और मीडियम बिजनेस हैं, एंटरप्रिन्योर हैं। वो खत्म हो गए हैं। आप डायमंड इंडस्ट्री को देखिए, टैक्सटाइल इंडस्ट्री को देखिए, सिरेमिक इंडस्ट्री को देखिए, गुजरात के किसानों को देखिए, ये चिल्ला कर कह रहे हैं कि हमें एक नया विजन चाहिए। ये जो विजन 20-25 साल से चल रहा है, ये फेल हो गया है, हमें एक नया विजन दीजिए और कांग्रेस पार्टी बहुत आसानी से ये विजन दे सकती है। मगर उस दिन तक नहीं दे पाएगी, जब तक ये दो तरीके के जो लोग हैं, इनको छाना नहीं जाएगा।

तो ये मैं आपसे कहने आया था कि जनता से जुड़ने की जरूरत है। हमने भारत जोड़ो यात्रा में भी दिखाया कि कांग्रेस पार्टी कर सकती है। कन्याकुमारी से कश्मीर तक हमने दिखाया कि कांग्रेस पार्टी जनता के साथ आसानी से जुड़ सकती है और देश की पॉलिटिक्स बदल देगी। हमारे नेताओं को और मैं इसमें अपने आपको भी जोड़ रहा हूं, हमारे नेताओं को गुजरात की जनता के बीच में, घर में जाना पड़ेगा, उनकी आवाज सुननी पड़ेगी। आप हमसे चाहते क्या हो, हम आपके लिए क्या कर सकते हैं, हम आपकी शिक्षा के लिए, स्वास्थ्य के लिए, बिजनेस के लिए, भविष्य के लिए क्या कर सकते हैं, बताइए। हम सुनने आए हैं, भाषण देने नहीं आए हैं, नारे लगाने नहीं आए हैं, हम सुनने आए हैं। जो आपके दिल में है, आप हमें बताइए, ये पहले करना पड़ेगा और ये आसानी से मैं आपको कह रहा हूं, आसानी से किया जा सकता है।

आप एक बात याद रखिए, मैं अभी कह रहा था गाड़ी में, विपक्ष के पास गुजरात में 40 प्रतिशत वोट है। छोटा विपक्ष नहीं है, ये नही है कि 5 प्रतिशत वोट है। आप दोनों आइए आगे, सामने आइए (दो लोगों को बुलाते हुए कहा), यहाँ खड़े होइए। अगर गुजरात में आप कहीं भी ऐसे दो लोगों को खड़ा कर दोगे, एक बीजेपी का है, एक कांग्रेस का है। आप किसी भी दो लोगों को चुनो, कहीं भी, गुजरात के किसी भी कोने में, 40 प्रतिशत हमारे हैं। मतलब, दो में से एक हमारा, एक उनका। मगर, हमारे माइंड में है कि भईया, कांग्रेस पार्टी के पास दम नहीं है। अगर हमारा वोट पांच प्रतिशत बढ़ जाए, बात वहीं खत्म हो जाएगी।

तेलंगाना में 22 प्रतिशत वोट बढ़ाया हमने। 22 प्रतिशत वोट बढ़ाया हमने तेलंगाना में, यहाँ पांच प्रतिशत की जरूरत है। मगर, छाने बिना पांच प्रतिशत नहीं मिल सकता। तो ये मैं आपसे कहने आया था। जहाँ भी आप मुझे ले जाना चाहते हो, जिस डिस्ट्रिक्ट में ले जाना चाहते हो, जहाँ भी, सूरत हो, अहमदाबाद हो, खेड़ा हो, कच्छ हो, जहाँ भी ले जाना चाहते हो, मुझे बताओ, मैं गुजरात को समझना चाहता हूं, मैं गुजरात की जनता से रिश्ता बनाना चाहता हूं।

आप सब हमारे सिपाही हो। मैं जब कहता हूं, कांग्रेस पार्टी के बब्बर शेर, ऐसे ही नहीं कहता हूं, but हमारा जो बब्बर शेर है, वो थोड़ी कॉन्फिडेंस, खो चुका नहीं है, नहीं, देखो, कॉन्फिडेंस कोई खोता नहीं है, कॉन्फिडेंस अंदर होती है, उसको निकालना पड़ता है। मेरा काम आपके अंदर जो कॉन्फिडेंस है, उसको निकालने का है। वो खोई नहीं है, वो है अंदर। गुजरात का ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है, जिसके दिल के अंदर कॉन्फिडेंस नहीं है। शर्त ये है कि कॉन्फिडेंस बाहर आई है या नहीं। तो ये मेरा काम है, ये मेरी जिम्मेदारी है और मैं इस जिम्मेदारी को पूरा करुंगा।

आप सबका फिर से बहुत-बहुत धन्यवाद। एक प्रॉब्लम आती है, गुजरात में एक बड़ी प्रॉब्लम आती है। मैं थोड़ा अपना वेट कंट्रोल करने की कोशिश करता हूं। जब भी मैं यहाँ आता हूं, पता नहीं आप लोग क्या करते हो, किसी रेस्टोरेंट पर ले जाते हो, कहीं मतलब, स्नेक्स डाल देते हो, कहीं मेरा एक किलो ऐसे ही बढ़ जाता है वेट। तो आप सबको, गुजरात की जनता को मेरी तरफ से बहुत-बहुत प्यार |

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