सोशल संवाद/डेस्क : हाल ही में एक परिवार राजस्थान के खाटू श्याम मंदिर में दर्शन के लिए गया था। जहां परिवार की एक बीमार बुजुर्ग महिला को इमरजेंसी में वॉशरूम (टॉयलेट) की सख्त जरूरत थी। जब वह पास के एक होटल में पहुंचीं तो मदद की बजाय, होटल ने कुछ ही मिनटों के लिए वॉशरूम का इस्तेमाल करने पर 805 रुपए वसूल किए। इस अमानवीय और असंवेदनशील व्यवहार की जानकारी और बिल की फोटो परिवार की एक सदस्य ने लिंक्डइन पर शेयर की, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।
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इस घटना ने एक अहम सवाल खड़ा किया है कि क्या भारत में वॉशरूम के इस्तेमाल को लेकर नागरिकों के कुछ कानूनी अधिकार हैं?
तो चलिए, आज ‘जानें अपने अधिकार’ कॉलम में हम बात करेंगे कि भारत में वॉशरूम के इस्तेमाल को लेकर क्या नियम-कानून है? साथ ही जानेंगे कि-
- अगर कोई इनका उल्लंघन करे तो आप क्या कर सकते हैं?
- होटल के खिलाफ क्या कार्रवाई हो सकती है?
एक्सपर्ट: सरोज कुमार सिंह, अभिवक्ता, सुप्रीम कोर्ट
सवाल- क्या होटल या रेस्त्रां वॉशरूम इस्तेमाल करने से मना कर सकते हैं?
जवाब- होटल या रेस्त्रां वॉशरूम का इस्तेमाल या पीने के पानी की सुविधा से मना नहीं कर सकते हैं। इसके पीछे एक पुराना लेकिन आज भी प्रभावी कानून है, इंडियन सराय एक्ट, 1867। यह कानून ब्रिटिश काल में बना था। इस एक्ट की धारा 7(2) कहती है कि कोई भी व्यक्ति होटल या सराय से पानी पीने या वॉशरूम इस्तेमाल करने की मांग कर सकता है। चाहे वह वहां ठहरा हो या नहीं।
सवाल- सराय का क्या अर्थ है?
जवाब- सराय वह स्थान होता है, जहां यात्री थोड़े समय के लिए ठहरते हैं, उन्हें रहने, पीने का पानी और शौचालय जैसी सुविधाएं मिलती हैं। यह शब्द खासकर ब्रिटिश काल में इस्तेमाल होता था। आज के समय में ‘सराय’ शब्द होटल, लॉज, धर्मशाला या गेस्ट हाउस जैसे स्थानों के लिए लागू किया जाता है।
सवाल- क्या वॉशरूम का इस्तेमाल करने पर होटल या गेस्ट हाउस पैसे वसूल सकते हैं?
जवाब- इंडियन सराय एक्ट, 1867 के तहत वॉशरूम का इस्तेमाल करने के बदले पैसे वसूलना गैरकानूनी है। यह सुविधा होटल या गेस्ट हाउस को मुफ्त में देनी होती है। हालांकि मॉल, मल्टीप्लेक्स या प्राइवेट ऑफिस बिल्डिंग्स जैसे आधुनिक कमर्शियल स्पेस इस एक्ट के दायरे में स्पष्ट रूप से नहीं आते हैं।
सवाल- वॉशरूम का इस्तेमाल करने से मना करने पर यात्री के क्या अधिकार हैं?
जवाब- एडवोकेट सरोज कुमार सिंह बताते हैं कि अगर किसी होटल, गेस्ट हाउस या सार्वजनिक स्थल पर यात्री को वॉशरूम इस्तेमाल करने से रोका जाता है या इसके बदले में पैसे की मांग की जाती है तो यह गैरकानूनी है। यात्री स्थानीय नगर निगम, पर्यटन विभाग या जिला प्रशासन में शिकायत दर्ज करा सकता है। वहीं अगर इमरजेंसी या स्वास्थ्य से जुड़ी स्थिति में वॉशरूम से इनकार किया गया है तो यह मानव गरिमा और स्वास्थ्य के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। यात्री इस पर राज्य मानवाधिकार आयोग में भी शिकायत कर सकता है। ऐसी स्थिति में कानूनी कार्रवाई संभव है।
सवाल- क्या महिलाओं और पुरुषों को लेकर वॉशरूम इस्तेमाल करने के कोई अलग नियम हैं? जवाब- इंडियन सराय एक्ट, 1867 और मानवाधिकार से जुड़े मौलिक सिद्धांत सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू होते हैं। चाहे वह महिला हो, पुरुष, ट्रांसजेंडर या कोई बच्चा। किसी के लिए कोई अलग कानूनी नियम नहीं है।