सोशल संवाद/डेस्क: Ghatsila By-election में एक बार फिर महिला मतदाता निर्णायक भूमिका में होंगी. दरअसल, 11 नवंबर को मतदान में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने के लिए महिला वोटरों में पिछले विधानसभा चुनाव की तरह इस बार भी उत्साह चरम पर है. यही वजह है कि हर दल, इस उपचुनाव में महिलाओं को रिझाने के प्रयास में है. यदि पिछले विधानसभा चुनाव पर नजर दौड़ाई जाए तो इस घाटशिला सीट पर 75.83 फीसदी मतदान हुआ था.

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यह है मतदाताओं के आंकड़े
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, यहां कुल 2,50,295 वोटर मतदान के लिए पंजीकृत थे. इनमें 1,22,974 पुरुष, 1,27,319 महिला और 2 थर्ड जेंडर वोटर थे. इनमें से 1,89,794 मतदाताओं ने ही अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था. अनुसूचित जनजाति बहुल इस सीट पर मतदान करने वालों में पुरुषों की तुलना में महिलाओं का उत्साह चरम पर था.


यही वजह थी कि पिछले विधानसभा चुनाव में इस सीट पर 92,044 पुरुषों ने वोट डाले थे, जबकि 97,748 महिलाओं ने अपने मत का प्रयोग किया था. इस क्षेत्र के दोनों थर्ड जेंडर वोटर ने भी मतदान किया था. एक बार फिर घाटशिला सीट पर उपचुनाव होने जा रहा है. उपचुनाव के लिए तैयार वोटर लिस्ट पर नजर दौड़ाई जाए तो एक बार फिर महिलाओं की संख्या, पुरुष मतदाताओं से ज्यादा है.
वहीं मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार के अनुसार, इस उपचुनाव में मतदाताओं की कुल संख्या 2,55,823 है, जिसमें पुरुष 1,24,899 हैं और महिला 1,30,921 है. इसके अलावा पीडब्ल्यूडी 2,735 वोटर और ट्रांसजेंडर वोटर की संख्या 3 है.
सियासी दलों के अपने-अपने दावे
घाटशिला उपचुनाव में महिला वोटर की संख्या अधिक होने के कारण सभी राजनीतिक दल महिलाओं को रिझाने में लगे हुए हैं. एक तरफ भारतीय जनता पार्टी को उम्मीद है कि जिस तरह से पिछले चुनाव के समय मंईयां सम्मान योजना के जरिए महिलाओं को आकर्षित किया था और बाद में बड़ी संख्या में उन महिलाओं का नाम उससे हटाया गया, इसका लाभ बीजेपी को इस उपचुनाव में मिल सकता है. वहीं सत्तारूढ़ जेएमएम और कांग्रेस इसे बीजेपी का दुष्प्रचार बताने में जुटी है.
बीजेपी मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक की मानें तो घाटशिला में 50 हजार महिलाओं के वोट पिछले विधानसभा चुनाव में मंईयां सम्मान योजना के जरिए खरीदने का काम किया गया था, जिसमें से 30 हजार को बाद में बगैर कोई कारण बताए वंचित कर दिया गया, इनकी नाराजगी सत्तारूढ़ जेएमएम पर भारी पड़ेगी और बीजेपी इसका लाभ उठाने में सफल होगी.
इधर, कांग्रेस मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा ने इसे बीजेपी का दुष्प्रचार बताते हुए बताया कि जनता, बीजेपी की चाल को समझ चुकी है और पिछले चुनाव से अधिक मतों से घाटशिला की माता बहनें चुनाव जीताने का काम करेंगी. बहरहाल, सियासी बयानबाजी के बीच घाटशिला में चुनाव प्रचार तेज है और जनता इन राजनेताओं को बड़े ही गौर से सुनने का काम कर रही है. जाहिर तौर पर जनता के मन में क्या है उसका पता तो 14 को मतगणना के वक्त ही चलेगा.








