सोशल संवाद/डेस्क : 1 अप्रैल से नया फाइनेंशियल ईयर शुरू हो चुका है। इसके साथ ही इनकम टैक्स डिक्लेरेशन की तैयारी भी शुरू हो गई है। कर्मचारियों को जल्दी ही अपने ऑफिस को यह बताना होगा कि वो पुराना टैक्स रिजीम चुनेंगे या नया टैक्स रिजीम अपनाएंगे। अब अगर आपने पिछले साल टैक्स बचाने के लिए NPS, PPF या LIC जैसे निवेश किए हैं, तो दुविधा होना लाजमी है। क्या इनका फायदा नए टैक्स सिस्टम में भी मिलेगा या फिर अब इनकी जरूरत ही नहीं रह गई? खासकर NPS को लेकर लोगों में सबसे ज्यादा कन्फ्यूजन है। ये सिर्फ रिटायरमेंट की प्लानिंग का जरिया है या टैक्स सेविंग के लिए भी कारगर है।
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इसलिए आज आपका पैसा में हम जानेंगे कि NPS का नया और पुरानी टैक्स रिजीम में क्या रोल है? साथ ही जानेंगे कि- कौन-सा ऑप्शन ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।
एक्सपर्ट: जितेंद्र सोलंकी, फाइनेंशियल एक्सपर्ट
सवाल- नेशनल पेंशन स्कीम NPS क्या है?
जवाब- NPS एक लॉन्ग-टर्म रिटायरमेंट इन्वेस्टमेंट स्कीम है, जिसे भारत सरकार ने साल 2004 में लॉन्च किया था। इसका मकसद लोगों को रिटायरमेंट के बाद एक स्थायी और भरोसेमंद इनकम देना है। इस स्कीम को पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) रेगुलेट करती है। शुरुआत में यह सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए थी, लेकिन 2009 में इसे सभी भारतीय नागरिकों के लिए खोल दिया गया। इस स्कीम में निवेश करने वाला व्यक्ति हर महीने या सालाना एक तय रकम जमा करता है। यह पैसा प्रोफेशनल फंड मैनेजर्स द्वारा शेयर बाजार, सरकारी बॉन्ड और दूसरे फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश किया जाता है। जब निवेशक की उम्र 60 साल होती है, तो उसे जमा रकम का एक हिस्सा लंपसम (एकमुश्त) मिल जाता है और बाकी रकम से उसे हर महीने पेंशन मिलती रहती है।
सवाल- NPS में कौन अकाउंट खुलवा सकता है?
जवाब- इसमें कोई भी भारतीय नागरिक अकाउंट खुलवा सकता है, बशर्ते उसकी उम्र 18 साल से 70 साल के बीच हो। इसमें नौकरीपेशा, व्यापारी, फ्रीलांसर, स्वरोजगार से जुड़े लोग सभी शामिल हो सकते हैं।
सवाल- NPS अकाउंट खोलने के लिए कौन-कौन से डॉक्यूमेंट्स चाहिए?
जवाब- NPS अकाउंट खोलने के लिए कुछ बेसिक डॉक्यूमेंट्स की जरूरत होती है, ताकि आपकी पहचान, पता और उम्र को वेरिफाई की जा सके। नीचे ग्राफिक में जरूरी डॉक्यूमेंट्स की लिस्ट दी जा रही है।
सवाल- क्या नए टैक्स रिजीम में NPS पर कोई टैक्स छूट मिलती है?
जवाब- हां, नए टैक्स रिजीम में भी NPS पर एक खास तरह की टैक्स छूट मिलती है, लेकिन सिर्फ आपके एम्प्लॉयर के योगदान पर ऐसा होगा। सेक्शन 80CCD(2) के तहत अगर आपका एम्प्लॉयर NPS अकाउंट में योगदान करता है तो उस रकम पर आपको टैक्स छूट मिलती है। ये छूट आपकी बेसिक सैलरी का 14% तक मिल सकती है। नए टैक्स रिजीम में आपका खुद का योगदान (Self Contribution) टैक्स छूट के लिए योग्य नहीं होता है। यानी 80CCD(1) और 80CCD(1B) वाले फायदे यहां नहीं मिलते हैं।
सवाल- क्या फाइनेंशियल ईयर 2025-26 में स्टैंडर्ड डिडक्शन और NPS में एम्प्लॉयर के योगदान पर कोई बदलाव हुआ है?
जवाब- हां, फाइनेंशियल ईयर 2025-26 के बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन को ₹50,000 से बढ़ाकर ₹75,000 कर दिया गया है, जो सैलरी इनकम पर लागू होता है। यह बदलाव नए टैक्स रिजीम के तहत किया गया है, ताकि सैलरीड क्लास को और टैक्स राहत मिल सके। इसके अलावा नए टैक्स रिजीम में सरचार्ज की दरें भी पिछले साल जैसी ही रखी गई हैं।
सवाल- NPS में निवेश करने पर नया टैक्स रिजीम क्या फायदेमंद हो सकता है?
जवाब- अगर आप NPS में निवेश करते हैं और सोचते हैं कि नए टैक्स रिजीम में इसका कोई फायदा नहीं है तो आपको एक तरीका अपनाना होगा। इसके लिए आपको अपने NPS अकाउंट को “कॉर्पोरेट/एंप्लॉयर मॉडल” में बदलना होगा। इससे आपको टैक्स में सीधा फायदा मिलेगा। इसमें आपको एंप्लॉयर द्वारा किए गए योगदान पर टैक्स छूट मिलेगी, जो सेक्शन 80CCD(2) के तहत आती है।
सवाल- इस टैक्स छूट को कैसे हासिल किया जा सकता है?
जवाब- इसके लिए आपको अपने NPS अकाउंट को कॉर्पोरेट सेक्टर में ट्रांसफर करना होगा। इसके लिए आप NPS CRA (NSDL/Kfintech) पोर्टल पर लॉगिन करें, “सेक्टर चेंज” ऑप्शन को चुनें और “कॉर्पोरेट सेक्टर” को सिलेक्ट करें। फिर HR से EPS कोड लें और रजिस्टर करें। आपका अकाउंट 7–10 दिन में अपडेट हो जाएगा।