सोशल संवाद/डेस्क : बांग्लादेश में शुक्रवार सुबह आए भूकंप ने न सिर्फ राजधानी ढाका को हिला दिया, बल्कि इसके झटके भारत के पूर्वी राज्यों विशेषकर पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता तक महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 5.6 मापी गई, जिसे मध्यम श्रेणी का भूकंप माना जाता है, लेकिन जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों के लिए यह काफी खतरनाक साबित हो सकता है। अचानक आए इन झटकों से लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए और कई जगहों पर कुछ मिनटों तक अफरा-तफरी का माहौल बन गया। हालांकि राहत की बात यह है कि अब तक किसी बड़े नुकसान की सूचना सामने नहीं आई है।
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भूकंप का केंद्र बांग्लादेश के पूर्वी हिस्सों में बताया जा रहा है, जहां सुबह लगभग 8 बजे के आसपास तेज कंपन महसूस किया गया। ढाका में कंपन इतने तेज थे कि ऊंची इमारतों में रह रहे लोग घबरा गए और तुरंत नीचे उतरने लगे। कई ऑफिस बिल्डिंग्स, सरकारी संस्थानों और आवासीय परिसरों में सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत खाली कराया गया। ढाका यूनिवर्सिटी, गुलशन, मिर्पुर और उत्तरा जैसे घनी आबादी वाले इलाकों से तीव्र झटकों की पुष्टि की गई है।
भूकंप विज्ञानियों के अनुसार, इस क्षेत्र में हाल के वर्षों में भूकंपीय गतिविधियां बढ़ी हैं। बांग्लादेश भूकंपीय रूप से सक्रिय जोन में आता है, जहां भारत और म्यांमार की टेक्टॉनिक प्लेटें एक-दूसरे से टकराती रहती हैं। इस कारण यहां हल्के और मध्यम दर्जे के भूकंप अक्सर आते रहते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार झटकों की तीव्रता भले ही बहुत अधिक नहीं थी, लेकिन जमीन के भीतर गतिविधि तेज होने का संकेत देती है, जिसे गंभीरता से लेने की जरूरत है।
इधर, भारत के पूर्वी राज्यों में भी इस भूकंप का असर साफ देखा गया। कोलकाता में लगभग 8 बजकर 2 मिनट पर अचानक झटके महसूस किए गए। शहर के कई इलाकों पार्क स्ट्रीट, सॉल्ट लेक, बेहाला, दमदम, राजारहाट और न्यू टाउन में लोग हल्के कंपन से चौंक गए। कई निवासियों ने बताया कि उनकी इमारतें कुछ सेकंड तक हिलती महसूस हुईं, जिससे वे तुरंत बाहर निकल आए। खासकर ऊंची इमारतों में रहने वाले लोगों ने अधिक कंपन का अनुभव किया।
मौसम विभाग के पश्चिम बंगाल यूनिट ने पुष्टि की कि भूकंप की तीव्रता मध्यम श्रेणी की थी और झटके कोलकाता से लेकर उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, हुगली और नदिया जिलों तक महसूस किए गए। हालांकि कहीं भी किसी तरह की जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। इसके बावजूद प्रशासन ने नागरिकों से सतर्क रहने और किसी भी असामान्य गतिविधि पर तुरंत सूचना देने की अपील की है।
बांग्लादेश में आने वाले इस भूकंप के बाद सोशल मीडिया पर भी लोगों की प्रतिक्रियाएं तेजी से सामने आने लगीं। कई लोगों ने ट्विटर और फेसबुक पर अपने अनुभव साझा किए। कुछ लोगों ने सीसीटीवी फुटेज साझा किए, जिनमें घरों में रखी वस्तुओं को हिलते हुए देखा जा सकता है। वहीं कुछ नागरिकों ने लिखा कि उन्हें लगा जैसे इमारत एक तरफ झुक रही हो। ढाका की कई इमारतों में हैंगिंग लाइट्स, पंखे और अलमारियाँ हिलती दिखीं, जिससे लोगों की चिंता और बढ़ गई।
इस बीच, बांग्लादेश के आपदा प्रबंधन मंत्रालय ने स्थिति की निगरानी के लिए एक टीम सक्रिय कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि अभी तक देश के किसी हिस्से से बड़े ढांचागत नुकसान या जनहानि की कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है, लेकिन कमजोर संरचना वाले पुराने घरों में दरारें पड़ने की आशंका बनी हुई है। स्थानीय प्रशासन प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर रहा है।
भारत की ओर भी प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। पश्चिम बंगाल सरकार ने कोलकाता नगर निगम और आपदा प्रबंधन टीमों को एहतियात के तौर पर हाई अलर्ट पर रखा है। कई स्कूलों और ऑफिसों में क्विक इवैक्यूएशन ड्रिल भी कराई गई। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले 24 घंटों तक आफ्टरशॉक्स की संभावना बनी रह सकती है।
भूकंप विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि बंगाल क्षेत्र और उसके आसपास की भूकंपीय गतिविधियों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। पिछले कई दशकों से गंगीय मैदानों, खासकर पूर्वी भारत और बांग्लादेश के हिस्सों में लगातार प्लेट शिफ्ट दर्ज की जा रही है, जो भविष्य में बड़े भूकंप की संभावना को बढ़ा सकती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस क्षेत्र में 7 से 8 तीव्रता वाला बड़ा भूकंप आने की संभावना पूरी तरह से नकारा नहीं जा सकती।








