सोशल संवाद /डेस्क : आधुनिक जीवनशैली और तकनीक आधारित नौकरियाँ जितनी आरामदायक लगती हैं, उनके पीछे छिपे स्वास्थ्य खतरे उतने ही गंभीर हैं। हैदराबाद में हुए एक हालिया शोध ने इस खतरे की घंटी बजा दी है—84% IT प्रोफेशनल्स फैटी लिवर की समस्या से जूझ रहे हैं। यह आंकड़ा Nature Scientific Reports Journal में प्रकाशित हुआ और अब सबको सोचने पर मजबूर कर रहा है।

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फैटी लिवर क्या होता है?
जब लिवर में वसा (चर्बी) का असामान्य रूप से जमाव होता है, तो उसे फैटी लिवर कहा जाता है। यह लिवर को कमजोर कर देता है और समय पर इलाज न मिले तो यह सिरोसिस या लिवर कैंसर में भी बदल सकता है।
IT सेक्टर में फैटी लिवर के 3 बड़े कारण
1.फास्ट फूड और पैकेज्ड फूड का ज़्यादा सेवन
देर रात काम करने वाले कर्मचारियों के लिए जंक फूड आम है, जो लिवर पर सीधा असर डालता है।
2.बैठे रहने वाली जीवनशैली
घंटों कुर्सी पर बैठना चर्बी को लिवर में जमा करता है।
3.तनाव, नींद की कमी और नशा
ये तीनों मिलकर लिवर को चुपचाप नुकसान पहुँचाते हैं।
फैटी लिवर के लक्षण पहचानें
बिना मेहनत के थकान
पेट में भारीपन
भूख में कमी
बिना वजह वजन घटाना
आंखों या त्वचा का पीला होना
पैरों में सूजन
त्वचा में खुजली
अगर ये लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
कैसे करें बचाव?
स्वस्थ भोजन अपनाएं: फल, हरी सब्ज़ियाँ, दालें, कम तेल वाला खाना
दैनिक 30 मिनट की एक्टिविटी: टहलना, योग या हल्का व्यायाम
तले-भुने और मीठे पेय पदार्थों से दूरी
वजन को नियंत्रित रखें
भरपूर पानी पिएँ और 7-8 घंटे की नींद लें
सिर्फ कोडिंग से नहीं, हेल्थ से भी करें खुद को अपग्रेड!
अब समय है अपनी डेस्क जॉब से बाहर निकलकर अपने शरीर और लिवर की देखभाल करने का।
आज से ही शुरू करें!








