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RBI ने देश के इस बैंक पर लगाया प्रतिबंध, अकाउंट हॉलडरों को नहीं मिल रहे उनके पैसे

By Tamishree Mukherjee

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RBI ने देश के इस बैंक पर लगाया प्रतिबंध

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सोशल संवाद / डेस्क : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक ऐसा फैसला लिया है जिससे हजारों लोगों के पैसे डूबने के कगार पर आ गए हैं। RBI ने मुंबई स्थित न्यू इंडिया को-ऑपेरेटिव बैंक पर बड़ी कार्रवाई करते हुए कई गंभीर प्रतिबंध लगा दिए हैं। इस बैंक के ग्राहक अब अपना पैसा भी नहीं निकाल सकते। यही नहीं, केंद्रीय बैंक ने इस बैंक पर नए लोन देने, पैसा जमा करने, एफडी आदि पर भी रोक लगा दी है।

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दरअसल, रिजर्व बैंक को इस बैंक में कुछ गड़बड़ियों के बारे में पता चला है। इसके बाद ही केंद्रीय बैंक ने यह कदम उठाया। RBI के अनुसार, 13 फरवरी 2025 से बैंक कोई नया कर्ज जारी नहीं कर पाएगा, न ही पुराने लोन को रिन्यू कर सकेगा। इसके अलावा, बैंक को किसी भी प्रकार के नए निवेश करने या नए डिपॉजिट स्वीकार करने की अनुमति नहीं होगी। बैंक किसी को भी भुगतान नहीं कर सकेगा और अपनी किसी भी संपत्ति को बेच या ट्रांसफर नहीं कर पाएगा। यह फैसला बैंक की कमजोर वित्तीय स्थिति को देखते हुए लिया गया है। बैंक की नकदी स्थिति (liquidity position) संतोषजनक नहीं है, जिससे जमाकर्ताओं के पैसे पर खतरा मंडराने लगा था. इसीलिए आरबीआई ने बचत खाते, चालू खाते और अन्य जमाकर्ता खातों से निकासी पर रोक लगा दी है। यह पाबंदी अगले छह महीने तक लागू रहेगी।

बैंक  के पास पर्याप्त पैसा है या नहीं, इसको लेकर आरबीआई सवाल उठा रहा है। इसलिए लोगों को अपने सेविंग अकाउंट, करंट अकाउंट या किसी भी दूसरे खाते से पैसे निकालने से रोका गया है। रिजर्व बैंक ने कहा है कि ये पाबंदियां ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए लगाई गई हैं।

लोगों को जैसे ही इस खबर का पता चला बैंकों से पैसा निकालने के लिए ग्राहकों की लाइन लग गई। मुंबई में न्यू इंडिया कॉ-आपरेटिव बैंक के बाहर जमा अधिकांश ग्राहक यही पूछते नजर आए कि जिंदगी भर की कमाई का जमा पैसा अब वापस मिलेगा या नहीं? मिलेगा तो कब?

आपको यह भी बता दे कि आरबीआई की तरफ से ये साफ किया गया है कि अभी बैंक का लाइसेंस रद्द नहीं किया गया है और इस स्थिति पर लगातार नजर रखी जाएगी। वहीं, आरबीआई की तरफ से ये भी कहा गया है कि अगर बैंक के हालात अगले 6 महीनों में नहीं सुधरते हैं तो इस बैन को आगे भी बढ़ाया जा सकता है।

अगर किसी कारण बैंक की आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं हो पाती है और ये डूब जाता है तो फिर खाताधारकों को डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन यानी डीआईसीजीसी के अंतर्गत 5 लाख रुपये की बीमा राशि दी जाती है। इसे आप ऐसे समझिए कि आपके खाते में अगर 5 लाख रुपये से भी ज्यादा पैसे जमा हैं, तब भी आपको अधिकतम राशि 5 लाख रुपये ही वापस मिलेंगे। हालांकि, आरबीआई बैंक की ऐसी स्थिति आने से पहले कोई न कोई समाधान निकाल ही लेती है।

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