सोशल संवाद/डेस्क: वृंदावन के प्रसिद्ध श्री ठाकुर Banke Bihari Temple का तहखाना आज, शनिवार को 54 साल बाद खोला गया। यह घटना मंदिर इतिहास में बेहद खास मानी जा रही है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमेटी के 11 सदस्यों की मौजूदगी में ताला विधि-विधान से पूजा और मंत्रोच्चारण के बाद खोला गया।

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तहखाने को खोलने से पहले देसी घी का दीपक जलाया गया और नीम की पत्तियां रखी गईं। अंदर सांप भी मिला, जिसे तुरंत सुरक्षित बक्से में बंद कर दिया गया। गोस्वामी समाज के पंडित ने मंत्र उच्चारण के बाद ताला खोलने की तैयारी की। चाबी नहीं मिलने पर गैस कटर से दरवाजा काटा गया। दरवाजा खुलते ही धूल का गुंबद उठ गया। अब मंदिर के कर्मचारी तहखाने की साफ-सफाई करेंगे, उसके बाद अधिकारी अंदर जाकर निरीक्षण करेंगे।
1971 के बाद यह तहखाना पहली बार खोला गया है। 1990 में भी इसे खोलने का प्रयास हुआ था, लेकिन सफल नहीं हुआ। कहा जाता है कि तहखाने की रक्षा स्वयं शेषनाग करते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने तहखाना खोलने के लिए 11 सदस्यों की कमेटी बनाई थी, जिसमें हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज अशोक कुमार, सिविल जज जूनियर डिवीजन शिप्रा दुबे, नगर सिटी मजिस्ट्रेट, सीओ सिटी, मंदिर के लेखा अधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल थे। पूरे आयोजन की वीडियोग्राफी भी की गई।
मंदिर प्रबंधन के शैलेंद्र गोस्वामी ने बताया कि 1971 में जो सामान तहखाने से निकला था, वह अब वहां नहीं है, क्योंकि उस समय वह सामान बांके बिहारी मंदिर के SBI लॉकर में रखा गया था।
बांके बिहारी मंदिर में ठाकुर जी का करीब 160 साल पुराना खजाना है। अब हर कोई जानना चाहता है कि इस तहखाने में क्या रखा गया है और इसका मौजूदा समय में क्या मूल्य है। यह घटना भक्तों और इतिहास प्रेमियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण बन गई है।








