सोशल संवाद/डेस्क : बिहार में वोटर लिस्ट बनाने और उसे अपडेट करने का काम अब अंतिम चरण में पहुंच गया है। चुनाव आयोग की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के 7 करोड़ 89 लाख 69 हजार 844 मतदाताओं में से अब तक 6 करोड़ 60 लाख 67 हजार 208 लोगों ने अपना फॉर्म भर दिया है।
ये कुल का 88.18 प्रतिशत है। यानी अब सिर्फ 11.82 प्रतिशत मतदाताओं का ही फॉर्म भरना बाकी रह गया है। आयोग ने बताया कि घर-घर जाकर दो बार BLO ने सर्वे किया। इस दौरान 1.59 प्रतिशत मतदाता मृत पाए गए। अगर आंकड़ों में देखें तो यह संख्या 10 लाख 50 हजार 468 है। वहीं, 2.2 प्रतिशत यानी करीब 14 लाख 53 हजार 478 लोग BLO को मिले ही नहीं। बताया गया कि वो हमेशा के लिए दूसरी जगह चले गए हैं।
29.86 लाख लोगों का लिस्ट से नाम कटेंगे
इसके अलावा 0.73 प्रतिशत यानी 4 लाख 82 हजार 290 लोगों का नाम दो जगह दर्ज पाया गया। इन तीनों वर्गों को मिलाकर देखा जाए तो कुल 29 लाख 86 हजार 237 लोगों का नाम वोटर लिस्ट से हट गया है।
चुनाव आयोग ने कहा है कि अभी भी लगभग 11 दिन बाकी हैं। आयोग का प्रयास है कि राज्य का कोई भी योग्य वोटर छूटे नहीं। जो लोग बिहार से बाहर चले गए हैं, उनके लिए भी अखबारों, सोशल मीडिया, कॉल और सीधी बातचीत के जरिए सूचना दी जा रही है। आयोग चाहता है कि सभी लोग अपना फॉर्म समय पर भरें ताकि उनका नाम आगामी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में प्रकाशित हो सके। यह लिस्ट 1 अगस्त को जारी की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था मामला
सुप्रीम कोर्ट ने 4 दिन पहले वोटर लिस्ट रिवीजन जारी रखने की अनुमति दी थी। अदालत ने इसे संवैधानिक जिम्मेदारी बताया था। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) यानी वोटर लिस्ट रिवीजन की टाइमिंग पर सवाल उठाए थे। वहीं, अदालत ने चुनाव आयोग से कहा था कि बिहार में SIR के दौरान आधार, वोटर आईडी, राशन कार्ड को भी पहचान पत्र माना जाए।