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महिलाओं में ब्रेस्ट पेन: कब है सामान्य और कब बढ़ सकती है चिंता?

By Muskan Thakur

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Breast pain in women: When is it normal and when can it cause concern?

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सोशल संवाद /डेस्क : आजकल महिलाओं में ब्रेस्ट पेन या सीने में दर्द की समस्या बेहद आम हो गई है। मेडिकल भाषा में इसे मास्टाल्जिया कहा जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि जीवन में कभी न कभी लगभग 70% महिलाएं इस परेशानी का अनुभव करती हैं। हालांकि ज्यादातर मामलों में यह सामान्य हार्मोनल बदलावों की वजह से होता है और हानिकारक नहीं होता, लेकिन कभी-कभी यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ब्रेस्ट पेन को लेकर महिलाओं को कब सतर्क होना चाहिए और कब इसे सामान्य मानना चाहिए?

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ब्रेस्ट पेन क्या है और इसके प्रकार

डॉक्टर बताते हैं कि ब्रेस्ट पेन अलग-अलग तरह का हो सकता है। इसमें असहजता, सॉफ्टनेस या हल्का से तेज दर्द महसूस हो सकता है। इसकी गंभीरता इसके मूल कारण पर निर्भर करती है। आमतौर पर इसे तीन श्रेणियों में बांटा जाता है:

साइक्लिक ब्रेस्ट पेन – यह पीरियड्स की साइकिल से जुड़ा होता है और अक्सर दोनों ब्रेस्ट में महसूस होता है। महिलाओं को यह दर्द पीरियड्स आने से एक-दो हफ्ते पहले अधिक होता है। इसका कारण एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोनल बदलाव होते हैं।

नॉन-साइक्लिक ब्रेस्ट पेन – यह दर्द मासिक धर्म से संबंधित नहीं होता। यह अक्सर एक ही ब्रेस्ट या उसके किसी हिस्से में होता है। इसके पीछे कारण हो सकते हैं– इंफेक्शन, सिस्ट, चोट या कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट।

एक्स्ट्रामैमरी ब्रेस्ट पेन – इसमें दर्द ब्रेस्ट में महसूस होता है, लेकिन असल में यह मसल्स, पसलियों या चेस्ट वॉल से आता है।

क्यों बढ़ रही है ब्रेस्ट पेन की समस्या

विशेषज्ञों का कहना है कि आजकल महिलाओं में यह समस्या ज्यादा इसलिए दिख रही है क्योंकि उनके हार्मोनल पैटर्न, जीवनशैली और तनाव का स्तर बदल गया है। गर्भावस्था और पीरियड्स के दौरान हार्मोनल फ्लक्चुएशन के कारण भी दर्द सामान्य है। वहीं, ब्रेस्ट में सिस्ट या इंफेक्शन जैसी स्थितियां भी इसका कारण हो सकती हैं।

क्या ब्रेस्ट पेन हमेशा कैंसर का संकेत है?

यह सबसे बड़ा डर है जिसे महिलाएं महसूस करती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि सिर्फ ब्रेस्ट पेन अपने आप में ब्रेस्ट कैंसर का संकेत नहीं होता। हालांकि कुछ मामलों में कैंसर दर्द का कारण बन सकता है, खासकर जब ट्यूमर बढ़कर आसपास के टिशू, मसल्स या स्किन को प्रभावित करता है।

कुछ प्रकार के ब्रेस्ट कैंसर जैसे लोकली एडवांस्ड कैंसर या इंफ्लेमेटरी कैंसर में दर्द और सूजन आम लक्षण हो सकते हैं। ऐसे मामलों में बगल या कॉलरबोन के पास लिम्फ नोड्स में बदलाव भी देखा जा सकता है।

कब लेना चाहिए डॉक्टर की सलाह

डॉक्टरों के अनुसार, अगर ब्रेस्ट पेन लगातार बना रहे और इसके साथ कुछ अन्य बदलाव भी नजर आएं, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना जरूरी है। इनमें शामिल हैं:

ब्रेस्ट में नई गांठ या मोटापन महसूस होना
ब्रेस्ट की शेप, रंग या आकार में बदलाव
स्किन पर लालपन, गड्ढे या सूजन आना
निप्पल में बदलाव या असामान्य डिस्चार्ज
बगल या कॉलरबोन के पास सूजन
ये लक्षण किसी गंभीर समस्या, यहां तक कि ब्रेस्ट कैंसर की ओर भी इशारा कर सकते हैं।

क्या बिना बीमारी के भी होता है ब्रेस्ट पेन?

कभी-कभी ब्रेस्ट में दर्द वास्तव में ब्रेस्ट से नहीं बल्कि आसपास की मसल्स या पसलियों से आता है। ज्यादा एक्सरसाइज, मसल्स स्ट्रेन या चोट की वजह से भी यह दर्द महसूस हो सकता है। ऐसे मामलों में यह पूरी तरह सामान्य है, लेकिन जांच कराना बेहतर रहता है ताकि किसी गंभीर स्थिति को नज़रअंदाज न किया जाए।

उपचार और सावधानियां

अगर दर्द हल्का है और पीरियड्स या हार्मोनल बदलाव से जुड़ा है तो चिंता की जरूरत नहीं होती। लेकिन अगर दर्द लंबे समय तक बना रहे तो डॉक्टर जरूरी टेस्ट जैसे अल्ट्रासाउंड या मैमोग्राफी करवाने की सलाह देते हैं।

विशेषज्ञ यह भी कहते हैं कि जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव मददगार हो सकते हैं:
सही साइज की ब्रा पहनना
तनाव कम करना और पर्याप्त नींद लेना
संतुलित आहार लेना
डॉक्टर की सलाह के बिना दर्द निवारक दवाएं न लेना

ब्रेस्ट पेन महिलाओं में आम है और ज्यादातर मामलों में यह गंभीर नहीं होता। लेकिन जब यह लगातार बना रहे या इसके साथ अन्य चेतावनी वाले संकेत दिखाई दें, तो इसे हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है। समय पर जांच और विशेषज्ञ की सलाह न सिर्फ डर को कम करती है बल्कि गंभीर बीमारियों से बचाव का सबसे सुरक्षित तरीका है।

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