सोशल संवाद/डेस्क/Election Commission: चुनाव आयोग (EC) नई दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहा है। विपक्ष के वोट चोरी और एक पार्टी के साथ सांठगांठ के आरोपों पर चीफ इलेक्शन कमिश्नर ज्ञानेश कुमार ने कहा- हमारे लिए न कोई पक्ष और न विपक्ष है। सभी राजनीतिक दल बराबर हैं।
CEC ने कहा- अगर सही समय पर त्रुटि हटाने का आवेदन न हो और फिर वोट चोरी जैसे गलत शब्दों का इस्तेमाल कर जनता को गुमराह किया जाए तो ये लोकतंत्र का अपमान है। कुछ मतदाताओं ने वोट चोरी के आरोप लगाए, सबूत मांगने पर जवाब नहीं मिला। ऐसे आरोपों से इलेक्शन कमीशन नहीं डरता है।
यह भी पढ़ें: उपराष्ट्रपति चुनाव- 17 अगस्त को फाइनल होगा NDA का उम्मीदवार:21 अगस्त को नामांकन
ज्ञानेश कुमार ने कहा- जब चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर मतदाताओं को निशाना बनाया जा रहा हो तो हम स्पष्ट करते हैं कि चुनाव आयोग निडरता के साथ गरीब, अमीर, बुजुर्ग, महिला, युवा समेत सभी धर्मों-वर्गों के लोगों के साथ चट्टान के साथ खड़ा है, खड़ा था और खड़ा रहेगा। दरअसल, राहुल ने 7 अगस्त को EC पर वोट चोरी के आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था, ‘वोट चोरी हो रहे हैं। हमारे पास सबूत है कि चुनाव आयोग चोरी में शामिल है। वे भाजपा के लिए ऐसा कर रहे हैं।’
CEC ने कहा- यदि निर्वाचन क्षेत्र के वोटर नहीं तो गवाह के तौर पर शिकायत कर सकते
CEC ज्ञानेश कुमार ने कहा- यदि शिकायतकर्ता उस निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता नहीं हैं, तो आपके पास कानून में केवल एक ही विकल्प है। वह है निर्वाचक पंजीकरण नियम, नियम संख्या 20, उप-खंड (3), उप-खंड (B)। यह कहता है कि यदि आप उस निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता नहीं हैं, तो आप गवाह के रूप में अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं और आपको निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी को शपथ देनी होगी। वह शपथ उस व्यक्ति के सामने दिलानी होगी जिसके खिलाफ आपने शिकायत की है।
ज्ञानेश कुमार बोले- चुनाव आयुक्त तय करेंगे कि बंगाल में कब SIR होगा
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, ‘तीनों चुनाव आयुक्त तय करेंगे कि पश्चिम बंगाल या अन्य राज्यों में SIR की प्रक्रिया कब शुरू की जाएगी।
CEC बोले- वोटर्स लिस्ट की गलती पहले नजर क्यों नहीं आई
CEC ज्ञानेश कुमार ने कहा- संविधान के हिसाब से ईसी की जिम्मेदारी है, लेकिन हम 800 लोगों का समूह हैं। इसके लिए लोक प्रतिनिधि कानून के अनुसार कई अधिकारी और पार्टियां शामिल होती है। इसके बाद भी मतगणना के 45 दिन तक कोर्ट जाकर आपत्ति लगा सकते हैं। जब ये प्रक्रिया पूरी हो जाती है, तो तब किसी भी दल को इसमें गलती नजर नहीं आई तो आज आरोप लगाने के पीछे मकसद क्या है, जनता समझती है।
CEC ज्ञानेश बोले- पारदर्शी प्रक्रिया में कोई वोट नहीं चुरा सकता
CEC ज्ञानेश कुमार ने कहा- लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया में एक करोड़ से ज्यादा कर्मचारी, 10 लाख से ज्यादा बूथ लेवल एजेंट, उम्मीदवारों के 20 लाख से ज्यादा पोलिंग एजेंट काम करते हैं। इतने सारे लोगों के सामने इतनी पारदर्शी प्रक्रिया में क्या कोई मतदाता वोट चुरा सकता है?








