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LAND FOR JOB मामले में लालू यादव से ED ने की चार घंटे पूछताछ,पटना से लेकर दिल्ली की जमीन पर पूछा सवाल

By Nidhi Mishra

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सोशल संवाद/डेस्क : आज यानी 19 मार्च बुधवार को लैंड फॉर जॉब केस में ED राजद सुप्रीमो लालू यादव से पूछताछ करेगी। इस बाबत समन जारी कर आज उन्हें पटना में सुबह करीब 10 बजे ED ऑफिस में बुलाया गया है। वहीं बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव कथित ‘नौकरी के बदले जमीन’ घोटाले से संबंधित धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए बीते मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समक्ष पेश हुए थे।

जानकारी दें कि, राबड़ी बीते मंगलवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे पटना में बैंक रोड स्थित ED के कार्यालय पहुंचीं। इस दौरान उनकी बड़ी बेटी एवं पाटलिपुत्र से सांसद मीसा भारती भी मौजूद थीं जिनका नाम भी इस मामले में आरोपी के तौर पर दर्ज है। पूर्व मंत्री एवं मौजूदा विधायक तेज प्रताप यादव अपराह्न से पहले के विधानसभा सत्र में शामिल होने के बाद ईडी कार्यालय पहुंचे थे। ईडी दफ्तर के अंदर और बाहर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे।

वहीं इसी मामले में पूछताछ के लिए लालू प्रसाद को आज यानी 19 मार्च को तलब किया गया है। सूत्रों ने बताया कि तीनों के बयान धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत दर्ज किए जाने हैं। इस मामले में प्रसाद, देवी और उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव से ED पहले भी पूछताछ कर चुकी है। पिछले साल ही ED ने दिल्ली की एक अदालत में प्रसाद के परिवार के सदस्यों के खिलाफ इस मामले में आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसमें राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती तथा हेमा यादव के अलावा कुछ अन्य को भी आरोपी बनाया गया था।

जानकारी दें कि, यह मामला 2004-2009 के दौरान रेलवे में समूह ‘डी’ नियुक्तियों से संबंधित है। उस समय लालू यादव संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में रेल मंत्री थे। ईडी ने पहले एक बयान में कहा था कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की प्राथमिकी के अनुसार अभ्यर्थियों को रेलवे में नौकरी के बदले में ‘‘रिश्वत के तौर पर जमीन हस्तांतरित करने” के लिए कहा गया था।

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वहीं धनशोधन का मामला CBI की शिकायत पर आधारित है। एजेंसी के मामले के अनुसार, लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों- राबड़ी देवी, मीसा भारती और हेमा यादव ने अभ्यर्थियों के परिवारों से (जो भारतीय रेलवे में ग्रुप डी के विकल्प के रूप में चुने गए थे) मामूली रकम पर जमीन हासिल कर ली थी

इस बाबत ED ने कहा था कि, ‘‘आरोपपत्र में नामजद एक अन्य आरोपी हृदयानंद चौधरी, राबड़ी देवी की गौशाला का पूर्व कर्मचारी है, जिसने एक अभ्यर्थी से संपत्ति अर्जित की थी और बाद में उसे हेमा यादव को हस्तांतरित कर दिया था।”

एजेंसी ने यह भी कहा था कि ‘ए.के. इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड’ और ‘ए.बी. एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड’ जैसी फर्जी कंपनियां थीं, जिन्होंने लालू यादव के परिवार के सदस्यों के लिए अपराध की आय प्राप्त की थी। इसने कहा कि मुखौटे के तौर पर काम करने वाले लोगों द्वारा उक्त कंपनियों के नाम पर अचल संपत्तियां अर्जित की गईं थीं। ED ने दावा किया कि बाद में लालू के परिवार के सदस्यों को नाममात्र की राशि में हिस्सेदारी हस्तांतरित की गई थी।

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