सोशल संवाद / नई दिल्ली : दिल्ली में मंगलवार को लोक निर्माण विभाग (PWD) ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए पूरे शहर में 3,433 गड्ढों की मरम्मत एक ही दिन में पूरी की। यह असाधारण कार्य मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व और पीडब्ल्यूडी मंत्री परवेश साहिब सिंह की सीधी निगरानी में संभव हो पाया, जो दिनभर स्वयं विभिन्न स्थानों पर काम की प्रगति का जायज़ा लेते रहे।
जो काम पहले असंभव माना जाता था, उसे अब रिकॉर्ड समय में, गुणवत्ता और पारदर्शिता के साथ पूरा किया गया — यह दर्शाता है कि जब इरादा साफ हो और नेतृत्व जवाबदेह हो, तो “Modi Ki Guarantee” के तहत परिणाम भी ज़मीन पर दिखते हैं।
माइक्रो प्लानिंग के साथ मेगा ऑपरेशन
सुबह से शुरू हुआ यह अभियान देर शाम तक चला और 1,400 किलोमीटर के दायरे में फैली सड़कों को कवर किया गया — जिनमें मुख्य सड़कें, कॉलोनियों की गलियाँ और हादसों के लिए चिन्हित संवेदनशील क्षेत्र शामिल थे।
दिल्ली को तीन ज़ोन — पूर्वी, दक्षिणी और उत्तरी दिल्ली — में बाँटकर अभियान को समानांतर रूप से अंजाम दिया गया। 200 से अधिक आधुनिक मरम्मत वैनों को हाई-क्वालिटी सामग्री और उपकरणों के साथ मैदान में उतारा गया।
गड्ढों की पहचान जन शिकायतों, ड्रोन मैपिंग और क्षेत्रीय सर्वेक्षणों से की गई — यानी तकनीक और जन भागीदारी का आदर्श संगम।
विशाल जनशक्ति, लाइव मॉनिटरिंग
इस सफल अभियान में 70 सहायक अभियंता (AE), 150 कनिष्ठ अभियंता (JE) और 1,000 से अधिक श्रमिकों और पर्यवेक्षकों ने भाग लिया।
हर गड्ढे की मरम्मत से पहले और बाद में जियो-टैग और टाइम-स्टैम्प की गई तस्वीरें ली गईं — जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके और भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश न रहे।
परवेश साहिब सिंह ने कहा,
“यह सिर्फ गड्ढे भरने का काम नहीं था — यह भरोसे की बहाली थी। हर भरे हुए गड्ढे के साथ हमने देरी और बहानों के चक्र को तोड़ने का संकल्प भी भरा।”
मंत्री और विधायक खुद सड़क पर
अभियान की निगरानी केवल अधिकारियों तक सीमित नहीं रही। दिल्ली सरकार के मंत्री और विधायक भी स्वयं अपने-अपने क्षेत्रों में निगरानी के लिए सड़क पर उतरे, जिससे गुणवत्ता से कोई समझौता न हो और हर गड्ढा तय समय पर भरा जा सके।
परवेश साहिब सिंह स्वयं अलग-अलग इलाकों में पहुँचे, इंजीनियरों से चर्चा की, श्रमिकों का हौसला बढ़ाया और मरम्मत के कार्य की गुणवत्ता की खुद जांच की।
बरसात से पहले की सुरक्षा तैयारी
यह अभियान मानसून से पहले जानबूझकर शुरू किया गया, क्योंकि गड्ढे विशेषकर दोपहिया वाहनों के लिए बारिश में गंभीर दुर्घटना का कारण बनते हैं।
अब जब गड्ढों की समय पर मरम्मत हो चुकी है, सरकार का उद्देश्य है कि बारिश के दौरान दुर्घटनाओं, जलभराव और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओं को न्यूनतम किया जा सके। इसके अलावा, मरम्मत वैन मानसून भर सड़कों पर सक्रिय रहेंगी, ताकि नए गड्ढों को तुरंत भरा जा सके।
दीर्घकालिक बुनियादी ढांचे की योजना
PWD केवल इस एकदिनी अभियान पर ही नहीं रुका है। 150 किलोमीटर नई सड़कें पहले ही बन चुकी हैं, और 100 किलोमीटर पर काम चल रहा है। लक्ष्य है कि मार्च तक कुल 500 किलोमीटर सड़कें पूरी कर ली जाएँ।
जहाँ जलभराव की शिकायतें आई हैं, वहाँ PWD, DDA और NHAI की संयुक्त टीमें पहले से सक्रिय हैं और समाधान की दिशा में कार्य कर रही हैं।
इस तरह की कार्यसंस्कृति और बहु-एजेंसी समन्वय से साफ दिखता है कि यह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्थापित शासन मॉडल का प्रतिबिंब है — जहाँ नीयत, गति और जवाबदेही तीनों साथ चलते हैं।
दिल्ली में शासन का नया अध्याय
यह एकदिनी गड्ढा मरम्मत अभियान सिर्फ एक तकनीकी कार्य नहीं, बल्कि प्रशासनिक इच्छाशक्ति का प्रतीक बन चुका है।
कोई देरी नहीं, कोई बहाना नहीं — सिर्फ नतीजे जो जनता देख और महसूस कर सके।
यह दिल्ली सरकार का संदेश है कि अब काम फाइलों में नहीं, ज़मीन पर दिखेगा। यही है असली मतलब “Modi Ki Guarantee” का — समय पर कार्रवाई, पारदर्शी परिणाम, और वह नेतृत्व जो खुद जवाबदेह है