सोशल संवाद/डेस्क : भारत सरकार ने डॉ. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम की अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में भारत के कार्यकारी निदेशक के रूप में सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी हैं। यह फैसला उनके तीन साल के कार्यकाल के खत्म होने से 6 महीने पहले यानी 30 अप्रैल 2025 को लिया गया।
IMF की आधिकारिक वेबसाइट पर 2 मई तक डॉ. सुब्रमण्यम का नाम कार्यकारी निदेशक के रूप में मौजूद था, लेकिन 3 मई से यह पद खाली दिखाया गया है।सुब्रमण्यन को अगस्त 2022 में IMF बोर्ड में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के पद पर नियुक्त किया गया था। इससे पहले वे 2018 से 2021 तक भारत सरकार के 17वें मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) थे। कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने 30 अप्रैल को जारी आदेश में कृष्णमूर्ति की तत्काल प्रभाव से सेवाएं समाप्त करने की मंजूरी दी। सरकार ने इसके पीछे कोई आधिकारिक कारण नहीं बताया है।
कृष्णमूर्ति को हटाए जाने के संभावित कारण
- IMF के डेटासेट के कलेक्शन प्रोसेस और रेटिंग सिस्टम पर डॉ. सुब्रमण्यम के उठाए गए सवालों से संगठन में उन्हें लेकर मतभेद बढ़े।
- उनकी हालिया पुस्तक ‘India @ 100’ के प्रचार-प्रसार में पद के दुरुपयोग और अनियमितताओं को लेकर भी चिंताएं व्यक्त की गईं।
पाकिस्तान को दिए जाने वाले फंड पर दोबारा विचार करने कहा
इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड की 9 मई को अहम बैठक होनी है। भारत ने पाकिस्तान को दिए जाने वाले 1.3 बिलियन डॉलर के ऋणों पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि इस पर दोबारा विचार किया जाए, क्योंकि पाकिस्तान को मिलने वाला पैसा आतंक को बढ़ावा देने में इस्तेमाल हो सकता है।
हालांकि IMF ने भारत के अनुरोध को मानने से इंकार कर दिया है। वह निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 9 मई को पाकिस्तान को दिए जा रहे लोन का रिव्यू करेगा।
इसी वजह से भारत सरकार सुब्रमण्यम को पद से हटाने का फैसला हैरान करने वाला है। सरकार ने अभी तक उनके स्थान पर किसी का नाम फाइनल नहीं किया है। जून के अंत में रिटायर हो रहे वित्त सचिव अजय सेठ का नाम सबसे ऊपर चल रहा है।
पाकिस्तान को चौतरफा घेरने की तैयारी में भारत
भारत ने शुक्रवार को कहा कि वह आईएमएफ समेत ग्लोबल मल्टीलेटरल एजेंसियों (वर्ल्ड बैंक और एशियन डेवलपमेंट बैंक) से पाकिस्तान को दिए गए फंड और लोन पर पुनर्विचार करने के लिए कहेगा। क्योंकि भारत 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए नृशंस आतंकवादी हमले के बाद पड़ोसी राज्य को कूटनीतिक रूप से घेरना चाहता है। दरअसल, पहलगाम हमले में 26 पर्यटक मारे गए थे।