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क्या आपकी भी कार दे रही है खराब माइलेज: तो हो सकता है ये वजह ऐसे करे सुधार

सोशल संवाद / डेस्क : कई बार आपने देखा  होगा कि आपकी कार अचानक से कम माइलेज देने लगी है। किसी कार के कम माइलेज देने की कई वजहें हो सकती हैं। आइए 6 प्रमुख कारणों के बारे में जानते हैं

खराब फ्यूल और चोक्ड इंजेक्टर
अगर कार में डलने वाला फ्यूल अच्छी गुणवत्ता का नहीं है तो इससे माइलेज पर असर पड़ना तय है। इसलिए कोशिश करें कि हमेशा अपने शहर के प्रतिष्ठित फ्यूल पंप से ही फ्यूल डलवाएं।
इसके अलावा इंजेक्टर्स को ज्यादा समय हो गया है तो इससे भी माइलेज कम हो जाता है। इंजेक्टर ही कार के इंजन को फ्यूल डिलीवर किया जाता है।

चोक्ड एयर फिल्टर
समय के साथ एयर फिल्टर पर गंदगी, धूल और मिट्‌टी जमा होती जाती है, जो एयर फ्लो को बाधित कर देती है। फिर यही धूल और मिट्टी सेंसर पर भी जमा हो जाती है, जो कार के इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट (ईसीयू) को गलत रीडिंग देने लगता है। इससे पॉवर लॉस होता है और जिसका खामियाजा माइलेज में कमी के रूप में सामने आता है।

व्हील बियरिंग का घिस जाना
जब व्हील बियरिंग घिस जाते हैं या खराब हो जाते हैं तो इससे घर्षण और सड़कों पर रगड़ बढ़ जाती है। पहिये जाम होकर चलने लगते हैं, जिसका असर कार के माइलेज पर पड़ता है। इसी तरह जब कार का टर्बो कमजोर हो जाता है तो उससे भी कार के माइलेज पर नकारात्मक असर पड़ता है।

एक्सीलेटर का अधिक उपयोग
अगर आपकी कार के उपयुक्त कारक ठीक ढंग से काम नहीं कर रहे होते हैं तो इंजन का परफॉर्मेंस कम हो जाता है। इसका मतलब है कि कार को गति देने के लिए आपको एक्सीलेटर का ज्यादा इस्तेमाल करना पड़ेगा। इससे भी गाड़ी का माइलेज कम होगा ही।

इंजन ऑयल नहीं बदलवाना
जब समय पर इंजन ऑयल नहीं बदला जाता है तो वह खराब हो जाता है, जिससे इंजन की सुरक्षा कर पाने में नाकाम रहता है। इससे भी कार का माइलेज कम होने लगता है।

सही गियर का इस्तेमाल नहीं करना
स्पीड के अनुसार सही गियर का इस्तेमाल नहीं करने पर कार के इंजन को ओवर पुशिंग करनी पड़ती है। सभी कारों के मैन्युअल्स में स्पीड के अनुसार गियर यूज करने के बारे में बताया जाता है। उसके अनुसार ही गियर का इस्तेमाल करें।

कैसे सुधारें माइलेज?

ऑटोमेटिक कारों में एसी सेटिंग को ऑटो पर और तापमान को 22-24 डिग्री सेल्सियस पर सेट करके रखें। मैन्युअल कारों में रोटेटिंग नॉब्स का इस्तेमाल करके उसे ब्लू एरिया के एकदम बीच में रखें।

कोल्ड इंजन के साथ कार को ज्यादा गति नहीं दें। करीब 2 से 5 किमी तक कार को स्मूद स्पीड से ही चलाएं और उसके बाद ही जरूरत पड़ने पर तेज चलाएं।

कार की स्पीड को कम करना है तो केवल ब्रेक पर ही निर्भर रहने के बजाय गियर का भी इस्तेमाल करें।

हमेशा अपनी कार को टॉप गियर में 40 से 60 किमी प्रति घंटे की स्पीड पर चलाने का प्रयास करें।

चारों पहियों में हमेशा सही एयर प्रेशर बनाए रखें, कार की समय-समय पर सर्विसिंग करवाते रहें।

अगर आपकी कार के कोई भी पाट्स ठीक ढंग से काम नहीं कर रहे होते हैं तो इंजन का परफॉर्मेंस कम हो जाता है। इसका मतलब है कि कार को स्पीड देने के लिए आपको एक्सीलरेटर का ज्यादा इस्तेमाल करना पड़ेगा। इससे भी गाड़ी का माइलेज कम होगा ही।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Sanjana Bhardwaj
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