सोशल संवाद / डेस्क : दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल अभी तिहाड़ जेल में ही रहेंगे। हाईकोर्ट ने दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में मंगलवार को जमानत देने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि दलीलों पर सही ढंग से बहस नहीं हुई थी, इसलिए राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले को रद्द करते हैं । फैसले को देखकर ऐसा लगता है कि केजरीवाल को जमानत देते समय विवेक का इस्तेमाल नहीं किया गया। अदालत को ED को बहस करने के लिए पर्याप्त अवसर देना चाहिए था।
आम आदमी पार्टी (AAP) का कहना है, ‘हम हाईकोर्ट के फैसले से सहमत नहीं हैं। हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। जमानत पर आदेश को इस तरह से नहीं रोका जा सकता, सुप्रीम कोर्ट ने भी कल यही कहा है।’ राउज एवेन्यू कोर्ट ने 20 जून को केजरीवाल को बेल दी थी, लेकिन ED की याचिका पर हाईकोर्ट ने 21 जून को रोक लगा दी थी। अब कल (बुधवार को) सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सीएम की जमानत याचिका पर फैसला होगा।
हाईकोर्ट की 5 बड़ी टिप्पणियां
1.ट्रायल कोर्ट की टिप्पणी पर विचार नहीं किया जा सकता, पूरी तरह से अनुचित है। यह दर्शाता है कि ट्रायल कोर्ट ने सामग्री पर अपना दिमाग नहीं लगाया है।
2. इस बात पर मजबूत तर्क दिया गया कि जज ने धारा 45 PMLA की दोहरी शर्त पर विचार-विमर्श नहीं किया।
3. ट्रायल कोर्ट को ऐसा कोई निर्णय नहीं देना चाहिए जो हाईकोर्ट के फैसले से उलट हो।
4. ट्रायल कोर्ट ने धारा 70 PMLA के तर्क पर भी विचार नहीं किया है।
5. कोर्ट का यह भी मानना है कि सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को लोकसभा के लिए जमानत दी थी। एक बार जब उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका हाईकोर्ट से खारिज कर दी गई है, तो यह नहीं कहा जा सकता है कि कानून का उल्लंघन करके उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया गया था।