सोशल संवाद / डेस्क : आज की तेज़ रफ़्तार जीवनशैली में मानसिक बीमारियाँ तेजी से बढ़ रही हैं। खासकर युवाओं में तनाव और अवसाद जैसी समस्याएँ गंभीर चुनौती बन चुकी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह अब केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामाजिक मुद्दा है जिस पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है।

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तनाव और अवसाद के पीछे के मुख्य कारण:
- करियर का दबाव: कम उम्र से ही युवाओं पर सफल करियर, प्रतियोगी, परीक्षा में अच्छे अंकों की चिंता उन्हें मानसिक रूप से थका देती है।
- सोशल मीडिया का प्रभाव: सोशल मीडिया पर दूसरों की चमकदार और फ़िल्टर ज़िंदगी देखकर युवा तुलना करने लगते हैं और यह तुलना उन्हें हीन भावना और असुरक्षा से भर देती है।
- अकेलापन: पढ़ाई और नौकरी के लिए परिवार से दूर रहने वाले युवाओं को भावनात्मक सहारा नहीं मिल पाता जिससे वे अपनी परेशानियाँ साझा नहीं कर पाते और अकेलेपन से जूझते रहते हैं।
- खराब जीवनशैली: जंक फूड, नींद की कमी और शारीरिक गतिविधि का अभाव मानसिक स्वास्थ्य पर सीधा असर डालता है। बता दें ये आदतें न सिर्फ़ शरीर बल्कि दिमाग़ को भी कमज़ोर करती हैं।
विशेषज्ञों की राय है कि संतुलित जीवनशैली, समय पर नींद, सकारात्मक सोच और परिवार से जुड़ाव इस समस्या को काफी हद तक कम कर सकते हैं।








