सोशल संवाद/ डेस्क: बिष्टुपुर स्थित आंध्र भक्त श्री राम मंदिर से इस्कॉन द्वारा आयोजित भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा शुक्रवार को पूरे भक्ति भाव और उत्साह के साथ निकली। जय जगन्नाथ के जयकारों और हरे कृष्णा, हरे राम के भक्ति भजनों से पूरा शहर गुंजायमान हो गया। इस भव्य रथ यात्रा का आयोजन प्रभु जी और शेखर पर्वत के नेतृत्व में किया गया, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया।
रथ यात्रा दोपहर 3:00 बजे विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना के बाद शुरू हुई। भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को तीन भव्य रथों पर विराजमान किया गया। श्रद्धालु रस्सियों के सहारे रथों को खींचते हुए बिष्टुपुर मुख्य सड़क, बिष्टुपुर पोस्ट ऑफिस, जुस्को कार्यालय, किनन स्टेडियम होते हुए साकची के पार्किंग एरिया (JNAC कार्यालय के समीप) तक ले गए, जहां यात्रा का समापन हुआ। इस दौरान गाजे-बाजे, भक्ति भजनों और जय जगन्नाथ के उद्घोष के साथ महिलाएं, पुरुष, युवा और बच्चे उत्साहपूर्वक नाचते-गाते यात्रा में शामिल रहे। भगवान जगन्नाथ मौसी बाड़ी गए, वहाँ से एक सप्ताह रहने के बाद घूरती रथ से लौटेंगे।
आंध्र भक्त श्री राम मंदिर परिसर श्रद्धालुओं से खचाखच भरा रहा। मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया था और भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। इस अवसर पर जिला प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था के लिए व्यापक इंतजाम किए थे।
कार्यक्रम में विधायक मंगल कालिंदी, धालभूम एसडीओ गौतम कुमार, JNAC के मुख्य पदाधिकारी कृष्ण कुमार, धार्मिक न्यास बोर्ड के सदस्य जम्मी भास्कर, डीएसपी मनोज ठाकुर, बिष्टुपुर थाना प्रभारी उमेश ठाकुर, मंदिर अध्यक्ष बी.डी. गोपाल कृष्णा, दुर्गा प्रसाद, राकेश्वर पांडेय, कांग्रेस अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे, बीजेपी नेता अमर बाउरी, राजेश शुक्ला, दिनेश कुमार, दुर्गा प्रसाद शर्मा, अंजी राव, नरसिंह राव, महेश राव, नानाजी सहित कई गणमान्य व्यक्ति और हजारों श्रद्धालु उपस्थित थे।
रथ यात्रा के दौरान सामाजिक सद्भाव और शांति का विशेष ध्यान रखा गया। इस्कॉन के आयोजकों ने बताया कि यह रथ यात्रा न केवल धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह एकता, प्रेम और भक्ति का प्रतीक भी है। यात्रा में शामिल विभिन्न संगठनों जैसे अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद, दुर्गा वाहिनी, क्रीड़ा भारती, रोबिन हुड आर्मी, ग्रीन कैप्स, ब्लड वॉरियर्स और अन्य ने अपनी सेवा से इस आयोजन को और भव्य बनाया।
जमशेदपुर की यह रथ यात्रा भगवान जगन्नाथ के भक्तों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव रही, जिसने शहर को भक्ति और उत्साह के रंग में रंग दिया।