सोशल संवाद / नई दिल्ली : दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र सचदेवा एवं वरिष्ठ सांसद श्री मनोज तिवारी ने एक पत्रकार वार्ता में कल संसद में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा मर्यादाहीन व्यवहार करने, हिन्दुओं को हिंसक कह कर अपमान करने और सभापति का अपमान करने की कड़ी निंदा करते हुए मांग की है कि हिन्दू समाज एवं लोकसभा अध्यक्ष से माफी मांगें।
पत्रकार वार्ता का संचालन मीडिया प्रमुख श्री प्रवीण शंकर कपूर ने किया और कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिन्दुओं के बल पर ही 99 सांसदों को पाने वाले राहुल गांधी ने हिन्दुओं का अपमान किया है। वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि राहुल गांधी ने वायनाड सीट छोड़ी है और प्रियंका गांधी को वहाँ से लड़ना है और शायद इसीलिए उन्होंने हिन्दुओं को गाली देकर वायनाड की जनता को खुश करने का प्रयास किया।
उन्होंने कहा कि राजनीति में तीन-तीन बार लॉन्च होने के बावजूद राहुल गांधी सिर्फ झूठ बोलते हैं। कल का उनका भाषण निराशा से भरा और तथ्यहीन है। हैरानी होती है कि महामहिम राष्ट्रपति जी के भाषण पर चर्चा करने की जगह वह सिर्फ झूठ बोलते रहे और उससे दुखद है कि उनके पीछे बैठे वरिष्ठ नेता सिर्फ हंसते रहें।
वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि बार बार हिंदुओं को हिंसक कहना, सनातन समाज को गाली देना और नफरत की दुनिया की बीज बोने का काम राहुल गांधी ने कल के सदन में दिए गए अपने भाषण से किया है। उन्होंने कहा कि मैं राहुल गांधी को चुनौती देता हूं कि जिस तरह की भाषा का प्रयोग उन्होंने हिंदू समाज के लिए किया है वह दूसरे धर्म के लिए बोलकर दिखाए। उनकी भाषा उनके परिवरिश को बताता है क्योंकि एक भारतीय ऐसे हिंदुओं को गाली नहीं दे सकता।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह कोई बड़ी बात नहीं है कि आज राहुल गांधी गैंग उनकी बातों को सही साबित करने में लग जाए। लेकिन हकीकत यह है कि राहुल गांधी या उनकी पार्टी के नेता ऐसे भाषा का प्रयोग कर साबित कर रहे हैं कि वे सभी देश विरोधी ताकतों के लिए काम कर रहे हैं। बधाई देता हूं कि माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने सदन के अंदर मांग की कि राहुल गांधी द्वारा दिए गए भाषण में तथ्यों की जांच हो और उनकी इस मांग को मान लिया गया।
सचदेवा ने कहा कि सदन की एक गरिमा है और उसको तारतार करने का काम राहुल गांधी ने किया है। अटल बिहारी बाजपेई, मनमोहन सिंह, जार्ज फर्नांडिस जैसे वक्ता भी इस सदन में बोले हैं, जिन्होंने विपक्ष में रहने के बावजूद सदन की गरिमा को समझा है। उन्होंने कहा राहुल गांधी को एक बार अपने अतित में झांककर देखने की जरुरत है, वह बतायें 1975 में आपातकाल किसने लगाया, 1984 में दिल्ली में सिख दंगे किसने करवाये थे।
तमिलनाडु, बंगाल और केरल में हुई घटनाओं पर एक शब्द नहीं बोलने वाले राहुल गांधी हिन्दुओं का अपमान करने वाले पहले कांग्रेस नेता नही है , 2010 में तत्कालिन गृहमंत्री पी चितंबरम और 2013 में सुशील कुमार शिंदे ने भी हिंदुओं को आतंकवादी कहा था। खुद राहुल गांधी का बयान था कि मंदिर में जाने वाले लड़कियों को छेड़ते हैं। तो यह कांग्रेस की परिपाटी रही है जिसका जवाब देश का हिंदू और सनातन समाज जरुर देगा।
मनोज तिवारी ने कहा की कल राहुल गांधी 2004 से ही हिन्दुओं का, संसदीय परम्पराओं का अपमान करते रहे हैं और कल उन्होंने झूठे पानी के गिलास के साथ भगवान शंकर आदि के चित्रों को रखा। राहुल गांधी ने अपने इस कृत से अपने संस्कारों को बखूबी परिभाषित किया उन्होंने कहा कि राहुल गांधी देश के अनेक हिस्सों में रोष पैदा करने का और देश को नुकसान हो इसका एक खतरनाक खेल खेल रहे हैं।
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तिवारी ने कहा कि सदन के अंदर गलत तथ्यों को पेश करना और उस पर टोकना भी सदन का अपमान है। उन्होंने कहा कि मर्यादा की उम्मीद राहुल गांधी से करना बेकार है जिनको इस्लाम में अभय मुद्रा दिख जाता है जबकि इस्लाम में फोटो होता ही नहीं है। राहुल गांधी ने सिर्फ सदन के अंदर झूठे तथ्य पेश किए चाहे वह अग्निवीर को लेकर हो, किसानों को लेकर कही गई बात हो या फिर अयोध्या में मुआवजे को लेकर कही गई बात हो। राहुल गांधी ने सदन में कहा कि अग्निविर में जो शहीद होता है उसको मुआवजा नहीं मिलता लेकिन उनका तथ्य भी चैनल के माध्यम से ही झूठा साबित हुआ। जबकि अयोध्या को लेकर उन्होंने कहा कि दुकानदारों को मुआवजे नहीं दिए गए लेकिन सत्य यह है कि अयोध्या में 4215 दुकानदारों को 1215 करोड़ रुपए मुआवजे के रूप में दिए गए हैं।
तिवारी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी संविधान के सामने माथा टेकते हैं और राहुल गांधी उसका अपमान करते हैं। जिन 99 सीटों को पाने के बाद राहुल गांधी हिंदुओं को हिंसक कह रहे हैं उन 99 सीटो की जीत में 87 फीसदी वोटर्स हिंदू ही है।