सोशल संवाद/डेस्क: लखनऊ की स्वाद और नवाबी पाक परंपरा को अब वैश्विक पहचान मिल गई है। UNESCO ने लखनऊ को ‘गैस्ट्रोनॉमी सिटी’ घोषित किया है। गलौटी कबाब, अवधी बिरयानी, मक्खन मलाई, चाट और निहारी-कुलचा जैसी लखनवी डिश अब पूरी दुनिया में प्रसिद्ध होंगी।
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इस सम्मान से लखनऊ अब सिर्फ नवाबों और तहज़ीब के लिए नहीं, बल्कि अपने जायकेदार और अनोखे व्यंजनों के लिए भी दुनिया में जाना जाएगा। UNESCO ने कहा, “मुंह में पानी लाने वाले गलौटी कबाब से लेकर मक्खन मलाई तक, लखनऊ सच में भोजन का स्वर्ग है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ को यह सम्मान मिलने पर बधाई दी और कहा कि लखनऊ की जीवंत संस्कृति और बेहतरीन पाक परंपरा को UNESCO ने मान्यता दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे उत्तर प्रदेश और भारत की बड़ी उपलब्धि बताया।
लखनवी व्यंजन और नवाबी परंपरा
लखनवी खानपान केवल कबाब तक सीमित नहीं है। यह शहर अपने स्वाद, तकनीक और नवाबी नज़ाकत के लिए मशहूर है।
- कबाब: गलौटी और गला-वटी कबाब अपने नरम टेक्सचर के लिए प्रसिद्ध हैं।
- मिठास: मक्खन मलाई और मलाई गिलोरी लखनऊ के सर्दियों के खास व्यंजन हैं।
- चाट और बताशे: यहाँ की चाट में सफेद मटर का इस्तेमाल इसे अलग बनाता है।
- दम बिरयानी और निहारी-कुलचा: धीमी आंच पर पका दम बिरयानी और सफेद मखमली कुलचा लखनवी थाल को पूरा करते हैं।
पर्यटन को मिलेगी रफ्तार
पर्यटन और संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने बताया कि 2024 में लखनऊ में 82.7 लाख पर्यटक आए थे, जबकि 2025 की पहली छमाही में यह संख्या 70 लाख पार कर गई। यह दिखाता है कि लखनवी खान-पान और संस्कृति पर्यटन को नई ऊंचाई दे रही हैं।
प्रसिद्ध शेफ रणवीर बरार ने कहा, “देर आए, दुरुस्त आए। हर लखनवी की जिम्मेदारी है कि दुनिया के सामने हमारी मेहमाननवाजी और व्यंजन गर्व से पेश हों।”
लखनऊ को मिला यह सम्मान केवल शहर की उपलब्धि नहीं है, बल्कि भारत की समृद्ध पाक संस्कृति की वैश्विक पहचान है। अब जब कोई विदेशी “लखनऊ” सुनेगा, तो उसे सिर्फ नवाबी तहज़ीब नहीं, बल्कि गलौटी कबाब, दम बिरयानी और मक्खन मलाई का स्वाद भी याद आएगा।
यह ऐतिहासिक उपलब्धि लखनऊ की खान-पान विरासत को दुनिया के मंच पर ले गई है और इसे वैश्विक पर्यटन और संस्कृति का केंद्र बना दिया है।










