सोशल संवाद/ डेस्क: सोशल मीडिया पर इन दिनों ‘भूत’ वाला वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है और चर्चा का विषय बना हुआ है। सराईकेला तिरुलडीह के लोग दहशत में है। प्रशासन से इस मामले की जांच करने और ग्रामीणों को इस अफवाह से मुक्ति दिलाने के लिए जागरूक करने की अपील की जा रही है। जब तक सच्चाई सामने नहीं आती, डाटम के जंगल वाली यह सड़क ग्रामीणों के लिए एक डरावना अनुभव बनी रहेगा।
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जिले के तिरुलडीह थाना क्षेत्र में भूत प्रेत की अफवाहों को लेकर मंगलवार को ग्राम प्रधान एवं थाना प्रभारी की संयुक्तजीवी अध्यक्षता में ग्रामीणों के साथ बैठक आयोजित की गई । बैठक में मुखिया के साथ ग्रामीण भी मौजूद हुए। भुत प्रेत की अफवाह एवं सड़क दुर्घटना में कमी लाने के लिए चर्चा की गई।
तिरुलडीह थाना प्रभारी अविनाश कुमार ने ग्रामीणों से आग्रह करते हुए कहा कि भूत प्रेत के अफवाहों में कई तरह का नुकसान उठाना पड़ सकता है । गलत वायरल वीडियो और फोटो से बचने की जरूरत हैं, उन्होंने भोले भाले ग्रामीणों से अपील करते हुए कहा कि अफवाह फैलाने वाले को चिन्हित कर पुलिस को सूचित करें। जिससे उसके विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वही दूसरी तरफ सड़क दुर्घटना में कमी लाने के लिए स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था को दुरुस्त करने पर सहमति बनी
खरसावां जिले के तिरुलडीह थाना क्षेत्र में डाटम के जंगल से गुजरने वाली सड़क पर भूत-प्रेत की अफवाह ने ग्रामीणों के बीच भारी दहशत फैला दी है। शाम ढलते ही यह सड़क सुनसान हो जाती है, क्योंकि ग्रामीण और वाहन चालक इस रास्ते से गुजरने से कतराने लगे हैं। दावा किया जा रहा है कि इस जंगल में एक गर्भवती महिला का दुर्घटना में निधन हो गया था, और अब उसकी आत्मा प्रेत बनकर राहगीरों को परेशान कर रही है।
ग्रामीणों के अनुसार, यह प्रेत महिला सड़क पर खड़ी होकर लोगों को पुकारती है, जिसकी वजह से कई सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। वायरल हो रहे एक वीडियो में भी इस ‘भूत’ वाली महिला को दहाड़ कर रोते हुए और किसी को पुकारते हुए दिखाया जा रहा है। उसकी आवाज इतनी भयावह बताई जा रही है कि उसे सुनकर लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। इस सुनसान जंगल और रात के समय में ऐसी आवाजों का अनुभव लोगों के मन में डर पैदा कर रहा है।
कुकड़ु से तिरुलडीह मार्ग पर ग्रामीणों में खौफ::
कुकड़ु से तिरुलडीह जाने वाली यह सड़क अब ‘भूत का घर’ बन गई है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार इस प्रेत को एक मां के रूप में अपने बच्चे के साथ सड़क पर खड़े देखा है,जो राहगीरों को अपनी ओर बुलाती है। इस अफवाह के कारण, इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही भी कम हो गई है, और जो चालक यहां से गुजरते हैं, वे अपनी गाड़ियों के शीशे ऊपर करके चलते हैं।
हालांकि, इस पूरी घटना के पीछे की सच्चाई अभी तक स्पष्ट नहीं है और यह जांच का विषय है। ग्रामीणों में फैली यह दहशत केवल एक अफवाह है या इसके पीछे कोई वास्तविक घटना, यह प्रशासन को जांचना होगा। कुछ लोगों का मानना है कि यह मनगढ़ंत कहानी अवैध बालू खनन माफियाओं द्वारा रची गई हो सकती है, ताकि रात के समय इस सुनसान क्षेत्र में उनकी गतिविधियां बिना किसी रोक-टोक के जारी रह सकें।