March 16, 2025 2:47 pm

सिख विरोधी दंगा-सज्जन कुमार को दूसरे केस में भी उम्रकैद:सिख बाप-बेटे की हत्या का मामला, पीड़ित पक्ष ने मौत की सजा मांगी थी

सिख विरोधी दंगा-सज्जन कुमार को दूसरे केस में भी उम्रकैद

सोशल संवाद/डेस्क: दिल्ली में 1984 के सिख विरोधी दंगा केस में मंगलवार को कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष जज कावेरी बावेजा ने दोपहर 2 बजे के बाद यह फैसला सुनाया। यह मामला दंगों के दौरान दिल्ली के सरस्वती विहार में जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह की हत्या से जुड़ा है। तब सज्जन बाहरी दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद थे। पीड़ित पक्ष ने उन्हें मौत की सजा देने की मांग की थी।

यह भी पढ़े : साक्षात्कार: डॉ. अजय कुमार, पीएचडी, चेयरमैन, फॉक्स पेट्रोलियम ग्रुप – टैरिफ युद्ध और गिरता सेंसेक्स

सज्जन कुमार को 12 फरवरी को दोषी ठहराया गया था। कोर्ट ने 21 फरवरी को सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। वे इस समय दंगों से जुड़े एक अन्य मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं और उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।

सिख नेता गुरलाद सिंह ने कहा- हमें मौत की सजा से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। हम अदालत के फैसले से खुश नहीं हैं। हम सरकार से अपील करेंगे कि वह हाईकोर्ट जाए और सज्जन कुमार के लिए मौत की सजा की घोषणा करे। सज्जन कुमार के खिलाफ दंगा, हत्या और डकैती के आरोप में IPC की धारा 147, 149, 148, 302, 308, 323, 395, 397, 427, 436, 440 के तहत केस दर्ज किया गया था।

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने कहा, सज्जन कुमार जैसे व्यक्ति को मौत की सजा नहीं दी गई

एडवोकेट एच.एस. फूल्का ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने पर कहा, “… 2 आजीवन कारावास भी बहुत बड़ी बात है। जज ने अपने फैसले में लिखा है कि हमारी और सरकार की मांग थी कि सज्जन कुमार को फांसी की सजा सुनाई जाए मगर वह नहीं दी गई क्योंकि उनकी उम्र 80 साल है। वे बीमार हैं और खुद को संभाल भी नहीं सकते हैं… यह कानून है कि 80 साल के ऊपर और बीमार व्यक्ति को फांसी की सजा नहीं सुनाई जाती..”

दिल्ली के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, “सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है… मैं SIT गठित करने और मामले को फिर से खोलने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद देता हूं। ये मामले 35 साल से बंद थे और सज्जन कुमार, जगदीश टाइटलर, कमल नाथ जैसे लोग मुख्यमंत्री और सांसद के रूप में खुलेआम घूमते थे… हम मृत्युदंड की उम्मीद कर रहे थे… अब जगदीश टाइटलर और कमल नाथ की बारी है।”

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) के महासचिव जगदीप सिंह कहलों ने कहा- हम इस बात से दुखी हैं कि सज्जन कुमार जैसे व्यक्ति को मौत की सजा नहीं दी गई। मेरा मानना है कि अगर उसे मौत की सजा दी जाती तो यह बेहतर होता और हमें संतुष्टि मिलती। 41 साल बाद भले ही उसे आजीवन कारावास की सजा मिली हो, लेकिन न्याय की जीत हुई है। मैं अदालत के फैसले का सम्मान करता हूं।

Print
Facebook
Twitter
Telegram
WhatsApp
Dark Chocolate के फायदे दुनिया के इस देश में 2-2 महीने तक नहीं उगता सूरज किन लोगों को नहीं करना चाहिए सूर्य नमस्कार India ने toss हारने में बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड इस देश की है 3 राजधानियाँ राज्यपाल को उनके पद से कौन हटा सकता है Paracetamol से होने वाले नुकसान ठंडे पानी से मुंह धोने के फायदे किन राज्यों में लागू है पेसा कानून 2024 के सबसे ज्यादा सुने गए गाने