December 7, 2024 1:31 pm

दिल्ली की जनता एफ.एम. सुश्री आतिशी से जानना चाहती है कि जब दिल्ली में प्रति व्यक्ति आय और बजट राशि दोनों बढ़ रही है तो राजस्व कैसे घट रहा है – वीरेंद्र सचदेवा

सोशल संवाद/दिल्ली (रिपोर्ट – सिद्धार्थ प्रकाश ) : दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि 2015 के बजट के बाद से अरविंद केजरीवाल सरकार देश में सबसे अच्छे बजट में से एक देने का दावा कर रही है, जिसमें बाजार विकास पर बड़े दावों के अलावा शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों के लिए सबसे बड़ी हिस्सेदारी दर्शाती है। अनधिकृत कॉलोनियों में विकास के दावे करती है लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि दिल्ली सरकार के बजट ने दिल्लीवासियों को विकास के मामले में बार-बार निराश किया है और इस साल का बजट भी दिल्ली को निराश कर देगा।

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सचदेवा ने कहा है कि हम सभी जानते हैं कि बजट 2024 केजरीवाल सरकार का आखिरी चुनावी बजट है और उन्होंने बजट को रामराज्य बजट कहकर गैलरी में खेलने की कोशिश की है, हालांकि इसमें लोगों के लिए कुछ भी नया नहीं है और वास्तव में यह विकास परियोजनाओं पर चुप है। एक तरफ दिल्ली की वित्त मंत्री सुश्री आतिशी ने दिल्ली में प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी का दावा किया है, लेकिन दूसरी तरफ उनके द्वारा दिखाए गए बजट आंकड़ों में अनुमानित राजस्व संग्रह में भारी कमी देखी गई है। पिछले साल दिल्ली का कुल बजट रु.73760 करोड़ रुपये का था एवं राजस्व 63374 करोड़ था लेकिन इस साल बजट कुल रु.76000 करोड़ का है लेकिन अनुमानित राजस्व घटकर रु.58700 करोड़ रह गया है। दिल्ली की जनता एफ.एम. सुश्री आतिशी से जानना चाहती है कि जब दिल्ली में प्रति व्यक्ति आय और बजट राशि दोनों बढ़ रही है तो राजस्व कैसे घट रहा है। सचदेवा ने कहा है कि दिल्ली सरकार इस वर्ष आउटकम बजट देने में विफल रही, जो बजट निधि उपयोगिता आंकड़े प्रदान करने में सरकार की विफलता को दर्शाता है।

बजट दर बजट सरकार 98% अनधिकृत कॉलोनियों में पानी और सीवरेज पाइप लाइन बिछाने के नवीनतम दावों के साथ दिल्ली जल बोर्ड में धन डालती रहती है, जबकि जमीनी हकीकत यह है कि 75% से अधिक अनधिकृत कॉलोनियां अभी भी शौचालय अपशिष्ट निपटान के लिए सेप्टिक टैंकों पर पेयजल के लिए टैंकरों पर निर्भर हैं। यह चौंकाने वाला है कि केजरीवाल सरकार करोड़ों रुपये के घोटालों का केंद्र बन चुके दिल्ली जल बोर्ड को 7200 करोड़ रु. नये दे रही है जबकि पिछले 9 वर्षों के दौरान 78000 करोड़ रु. का गबन जलबोर्ड में हुआ है। दिल्ली के राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत इसके बाजार और व्यापारी हैं और दो साल पहले केजरीवाल सरकार ने 5 बाजारों के विकास के लिए रूपये 200 करोड़ निवेश करने की बजट घोषणा की थी लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि केजरीवाल सरकार ने व्यापारियों को बाजार के रख-रखाव और विकास में निराश कर दिया है।

पिछले साल दिल्ली सरकार के बजट में मोहल्ला बसें लाने की बात कही गई थी लेकिन एक साल बाद एक भी मोहल्ला बस नहीं आई है। वित्त मंत्री के रूप में मनीष सिसौदिया दिल्ली की 1200 किलोमीटर से अधिक सड़कों के विकास के लिए बजट प्रस्ताव लाए, लेकिन तीन साल बाद भी सिर्फ 20 किलोमीटर सड़कों का भी विकास या भूदृश्यीकरण नहीं किया गया है। केजरीवाल सरकार ने इस साल स्वास्थ्य और शिक्षा पर बजट आवंटन कम कर दिया है, बजट में नए स्कूल या अस्पताल लाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। एफ.एम. सुश्री आतिशी ने अपने बजट में दिल्लीवासियों को यह कहकर गुमराह किया कि केजरीवाल सरकार 22 लाख उपभोक्ताओं को बिजली सब्सिडी दे रही है, फिर भी पावर डिस्कॉम लाभ में हैं।

सचदेवा ने कहा है कि सुश्री आतिशी को पता होना चाहिए कि पावर डिस्कॉम उपभोक्ताओं को कोई सब्सिडी नहीं दे रही है, दिल्ली सरकार सब्सिडी के लिए करदाताओं की गाढ़ी कमाई से डिस्कॉम को भुगतान करती है। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने कहा है कि बजट 2024 एक राजनीतिक बजट है जो दिल्ली की सभी महिलाओं को 1000 प्रति माह देने की घोषणा लाया है, लेकिन सरकार यह बताने में विफल रही है कि पिछले 4 वर्षों से वरिष्ठ नागरिकों और विकलांगों को पेंशन क्यों नहीं दे रही है। सचदेवा ने कहा है कि दिल्ली सरकार को दिल्लीवासियों को गुमराह करना बंद कर देना चाहिए और दिल्ली के विकास पर ध्यान देना चाहिए।

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