May 3, 2024 6:14 am
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भाजपा के घोषणा पत्र पर बोले खरगे- मोदी की गारंटी का मतलब जुमलों की वारंटी

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सोशल संवाद/दिल्ली ( रिपोर्ट – सिद्धार्थ प्रकाश ) : कांग्रेस ने भाजपा के घोषणा पत्र को जुमला पत्र बताते हुए कहा कि मोदी की गारंटी का मतलब जुमलों की वारंटी है।  कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मोदी की गारंटी का मतलब जुमलों की वारंटी है।अपने कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोई बड़ा काम नहीं किया, जिससे देश की जनता, युवाओं, किसानों को लाभ हुआ हो। युवा नौकरी के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं, महंगाई के कारण खाने-पीने के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने दस साल में सिर्फ बेरोजगारी, और महंगाई बढ़ाई है।

एक्स पर पोस्ट करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा के घोषणा पत्र और नरेंद्र मोदी के भाषण से महंगाई व बेरोजगारी गायब हैं। लोगों के जीवन से जुड़े सबसे अहम मुद्दों पर भाजपा चर्चा तक नहीं करना चाहती। युवा इस बार मोदी के झांसे में नहीं आने वाला, अब वो कांग्रेस का हाथ मजबूत कर देश में रोजगार क्रांति लाएगा। वहीं नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए कांग्रेस नेता पवन खेड़ा, सुप्रिया श्रीनेत और अभिताभ दुबे ने आंकड़ों के साथ भाजपा को घेरा। 

पवन खेड़ा ने कहा कि भाजपा के संकल्प पत्र के नाम से घोर आपत्ति है, इसका नाम माफ़ीनामा होना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी को देश के दलितों, किसानों, नौजवानों, आदिवासियों से माफी मांगनी चाहिए थी। 2014 के घोषणा पत्र में नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि स्पेशल टास्क फोर्स बनाकर काला धन वापस लाएंगे, लेकिन इलेक्टोरल बॉन्ड आ गया। मोदी ने वादा किया था कि नार्थ ईस्ट में कानून व्यवस्था मजबूत करेंगे, लेकिन आज मणिपुर में हिंसा जारी है, जिस पर प्रधानमंत्री मोदी चुप्पी साधे हुए हैं। स्पेशल पैकेज से 100 जिलों की गरीबी दूर करेंगे, लेकिन हंगर इंडेक्स के आंकड़े पोल खोलते हैं। 100 नई स्मार्ट सिटी बनाएंगे, लेकिन चीन सीमा पर स्मार्ट गांव बसा रहा है। नरेंद्र मोदी के वादों से जनता ऊब चुकी है और बेहद आक्रोशित है। देश की जनता को मोदी की गारंटी पर भरोसा नहीं है, क्योंकि वह सरेआम झूठ बोलते हैं। 
भाजपा के घोषणा पत्र को जुमला पत्र बताते हुए सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि कांग्रेस ने घोषणा पत्र के लिए वर्ष 2023 के दिसंबर माह में घोषणा पत्र समिति बनाई थी, जिसने देशभर में लोगों से चर्चा की। जनता से चर्चा के बाद कांग्रेस का घोषणा पत्र बना। वहीं भाजपा ने 30 मार्च को घोषणा पत्र समिति बनाई और 13 दिन में घोषणा पत्र बनकर तैयार हो गया। इसमें सिर्फ जुमले दिए गए हैं, इसलिए यह 13 दिन में तैयार हो गया।  

श्रीनेत ने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में 30 लाख सरकारी नौकरी देने, एमएसपी की कानूनी गारंटी, महिलाओं को हर साल एक लाख रूपये, सरकारी नौकरी में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने, महंगाई नियंत्रित किए जाने और मणिपुर में शांति स्थापित करने का वादा किया है। मगर भाजपा के घोषणा पत्र में इन मुद्दों का कोई जिक्र नहीं है। इस घोषणा पत्र में चीन की घुसपैठ का भी जिक्र नहीं है, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी खुद कह चुके हैं कि कोई घुसा नहीं है।

भाजपा के पुराने वादों की आंकड़ों के साथ पोल खोलते हुए अमिताभ दुबे ने कहा कि नरेंद्र मोदी और भाजपा का वादा था कि 2022 तक किसान की आय दोगुनी करेंगे, लेकिन असलियत ये है कि आज किसानों की आय घटी है और कर्ज दोगुना हुआ है। प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत सभी किसान कवर होंगे, सच ये है कि लाभार्थियों की संख्या 67 प्रतिशत घटी है। एक से पांच साल की अवधि वाले लोन पर शून्य प्रतिशत ब्याज देना होगा, सच ये है कि किसान क्रेडिट कार्ड पर सात प्रतिशत ब्याज देना पड़ रहा है। 

अमिताभ दुबे ने आगे कहा, भाजपा ने वादा किया था कि देश में सिंचाई का स्तर अधिकतम होगा, सच्चाई ये है कि देश में सिंचाई केवल 52 प्रतिशत की गई है। मैन्युफैक्चरिंग में 10 करोड़ रोजगार पैदा किए जाएंगे, लेकिन 2.5 करोड़ रोजगार कम हो गए। स्किल इंडिया मिशन में 40 करोड़ देशवासियों को स्किल प्रशिक्षण दिया जाएगा, लेकिन 1.4 करोड़ लोगों को ही प्रशिक्षण दिया गया। शिक्षा के स्तर में सुधार किया जाएगा, लेकिन 10 लाख सरकारी स्कूलों में सिर्फ 37 हजार के पास कंप्यूटर है। यह भी वादा था कि 200 केंद्रीय और नवोदय विद्यालय खोले जाएंगे, लेकिन सिर्फ 56 केंद्रीय विद्यालय खोले गए। देश में डॉक्टरों की संख्या दोगुनी की जाएगी, लेकिन देश में करीब छह लाख डाक्टरों की कमी है। यह सिर्फ भाजपा के 2019 के घोषणा पत्र के वादे हैं, जो पूरे नहीं हुए। वर्ष 2014 में भाजपा द्वारा किए गए वादों के पूरे नहीं होने की लिस्ट और भी लंबी है।

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