सोशल संवाद / नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी के दवाब के बाद केंद्र सरकार द्वारा जाति जनगणना कराने के फैसले का लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने स्वागत किया है। उन्होंने सरकार से जाति जनगणना पूरी करने की स्पष्ट समयसीमा बताने की मांग की है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर सरकार का ‘समर्थन’ करती है, लेकिन वह जानना चाहती है कि यह कब तक पूरा होगी।
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नई दिल्ली स्थित कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी महासचिव जयराम रमेश, झारखंड कांग्रेस प्रभारी के राजू, ओबीसी विभाग के चेयरमैन अनिल जयहिंद, राष्ट्रीय सचिव सुभाषिनी यादव के साथ पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने देश में आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाने की मांग भी दोहराई। उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस पार्टी ने संसद में कहा था कि वे जाति जनगणना कराकर रहेंगे और 50 प्रतिशत की सीमा को भी हटाएंगे।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने जाति जनगणना कराने में अपनी पार्टी के सहयोग की पेशकश की। उन्होंने तेलंगाना को जाति जनगणना के लिए एक मॉडल बताते हुए कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार पहले ही जाति जनगणना करा चुकी है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना मॉडल को पूरे देश में जाति जनगणना के लिए ब्लूप्रिंट के रूप में अपनाया जा सकता है। हालांकि बिहार में भी जाति जनगणना की गई थी, लेकिन दोनों जनगणनाओं में बहुत अंतर था। उन्होंने कहा कि तेलंगाना में जाति जनगणना के दौरान पूछे जाने वाले प्रश्न हितधारकों से सलाह करके तैयार किए गए थे, और यह एक बहुत विस्तृत प्रक्रिया थी।उन्होंने आगे कहा कि जाति जनगणना देश में विकास के नए प्रतिमान की ओर पहला कदम होगी।

राहुल गांधी ने बताया कि तेलंगाना सरकार ने पहले ही आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाने और राज्य में संविधान के अनुच्छेद 15(5) को लागू करने जैसे कदम उठाए गए हैं। राहुल गांधी ने कहा कि जाति जनगणना से यह पता चलेगा कि पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों की देश में कितनी भागीदारी है। यह पहला कदम है, लेकिन हमें और आगे जाना है। हमें पता लगाना है कि देश की संस्थाओं और सत्ता संरचना में इन लोगों की कितनी भागीदारी है।
राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने पहले जाति जनगणना का विरोध किया था। नरेंद्र मोदी कहते थे कि सिर्फ चार जातियां हैं, लेकिन अचानक से उन्होंने जातिगत जनगणना कराने की घोषणा कर दी। उन्होंने देश भर के सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया, जिन्होंने अंततः जाति जनगणना कराने के लिए सरकार पर दबाव बनाने में मदद की।राहुल गांधी ने निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण के लिए अनुच्छेद 15(5) को लागू करने की भी मांग की। उन्होंने सरकार से जाति जनगणना के लिए धन आवंटित करने और इस संबंध में अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करने की मांग की।