सोशल संवाद /डेस्क : देश के 3 राज्यों में ट्रेन पलटने की साजिश की गईं। हालांकि, तीनों जगहों पर ही लोको पायलट ने साजिश को नाकाम कर दिया। मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में सेना के जवानों को ले जा रही ट्रेन में विस्फोट की कोशिश की गई थी। यह घटना 18 सितंबर की है।
रेलवे सूत्रों ने बताया कि बुरहानपुर के नेपानगर में रेलवे ट्रैक पर डेटोनेटर बिछाए गए। हालांकि, ट्रेन के पहुंचने से पहले ही कुछ डेटोनेटर फूट गए। इससे रेलवे अधिकारी अलर्ट हो गए और स्टेशन पर ट्रेन रुकवा दी गई।
यूपी के कानपुर में प्रेमपुर स्टेशन के पास ट्रैक पर एक छोटा सिलेंडर रखा मिला। JTTN गुड्स ट्रेन के लोको पायलट ने सिलेंडर देखते ही इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को 10 फीट पहले ही रोक लिया।
पंजाब के बठिंडा में रेलवे ट्रैक पर सरियों का बंडल रख दिया गया। इसे देखकर मालगाड़ी के लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगा दिया, जिससे हादसा टल गया।
बिहार के मुजफ्फरपुर में शनिवार रात मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर रेल लाइन के बीच इंजन के कुल 6 चक्के पटरी से उतर गए। घटना शनिवार की रात 8.31 की है। शुरुआती जांच में लोको पायलट और पॉइंट मैन की लापरवाही सामने आई है।
ट्रेन डिरेल से जुड़ी 3 घटनाएं सामने आईं
MP में आर्मी अफसरों की ट्रेन पलटने के लिए 10 डेटोनेटर रखे गए
18 सितंबर को मध्य प्रदेश के बुरहानपुर से आर्मी की ट्रेन गुजरने वाली थी। ट्रेन खंडवा से होते हुए तिरुवनंतपुरम जा रही थी। इसमें आर्मी के अफसर, कर्मचारी और काफी अस्लहा मौजूद था। रेलवे सूत्रों के मुताबिक, सागफाटा के पास ट्रैक पर 10 डेटोनेटर करीब एक से डेढ़ फीट की दूरी पर रखे गए थे। सूचना मिलने पर ट्रेन को सागफाटा में रोक दिया गया और ट्रेन डिरेल करने की साजिश नाकाम हो गई।
कानपुर में ट्रेन डिरेल करने की 38 दिन में 5वीं साजिश
कानपुर में रविवार को प्रेमपुर स्टेशन पर सिलेंडर रखे होने की सूचना मिलते ही रेलवे के सीनियर अफसर, आरपीएफ, जीआरपी और पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे। अफसरों ने बताया कि मालगाड़ी कानपुर से प्रयागराज जा रही थी। ट्रैक पर रखा 5 किलो का सिलेंडर खाली था। यूपी में 38 दिनों में ट्रेन पलटने की यह 5वीं साजिश है। इससे पहले कानपुर में ही 8 सितंबर को भरा सिलेंडर रखकर कालिंदी एक्सप्रेस को डिरेल करने की साजिश रची गई थी।
बठिंडा में रेलवे ट्रैक पर सरियों का बंडल रखा
पंजाब के बठिंडा में बंगी नगर के पास एक बड़ा रेल हादसा टल गया। यहां दिल्ली की तरफ से एक मालगाड़ी आ रही थी। तभी लोको पायलट को ट्रैक पर सरियों का एक बंडल दिखा। उसने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक दी। सूचना मिलने पर रेलवे अधिकारी पहुंचे और मामले की जांच शुरू की।