सोशल संवाद /जमशेदपुर: व्यवसाय या उद्योग में सब चलता है और चलेगा का फॉर्मूला अब नहीं चलेगा. पूरे विश्व में प्रतिस्पर्द्धा बढ़ी है. ऐसे में गुणवत्ता के साथ समझौता नहीं किया जा सकता है. उक्त बातें मेटलवर्क इंडस्ट्रीज के संस्थापक सह एमडी संजय सबरवाल ने कही. वे यंग इंडियंस (वायआई) जमशेदपुर चैप्टर की ओर से आयोजित ‘सीईओ डॉयलॉग : इंटरैक्शन विथ यंग इंडियंस’ सेशन में बोल रहे थे.
आगे उन्होंने कहा कि व्यवसाय में सफल होना है तो वन थर्ड का फॉर्मूला अपनाना होगा, जिसमें प्रॉफिट की एक तिहाई सैलरी में (इंप्लॉय के साथ साथ खुद की भी सैलरी), एक तिहाई व्यवसाय के विकास में और एक तिहाई कर्ज को कम करने में खर्च करना होता है. बेस्ट एमएसएमई का अवार्ड पा चुके सबरवाल ने कहा कि इस फॉर्मूले को लागू करने पर ही व्यवसाय में सफलता प्राप्त की जा सकती है.
ज्ञात हो कि वायआई जमशेदपुर चैप्टर लगातार सामाजिक कार्यो के अलावा अपने सदस्यों और युवा उद्यमियों के लिए नए नए कार्यक्रम कर रहा है. इसी कड़ी में ‘सीईओ डॉयलॉग : इंटरैक्शन विथ यंग इंडियंस’ की शुरुआत की गई हैं. शहर के यूनाईटेड क्लब में सीईओ डॉयलॉग की पहली कड़ी का आयोजन किया गया था. सेशन में मॉडरेटर की भूमिका जमशेदपुर चैप्टर की पूर्व चेयरमैन दिव्या तनेजा और कृष्णा खरिया ने निभाई. उन्होंने कार्यक्रम में संजय सबरवाल से संवाद किया. सीईओ डॉयलॉग की परिकल्पना यंग इंडियंस जमशेदपुर चैप्टर के चैयरमेन उदित अग्रवाल की थी. भारत में कुछ नया करने का सबसे बेहतरीन समय
संजय सबरवाल ने कहा कि युवा उद्यमियों के लिए व्यवसाय में कुछ नया करने का सबसे बेहतरीन समय है. जिस तेजी से पूरे विश्व में भारत की पहचान बन रही है और देश में आर्थिक क्षेत्र में बदलाव हो रहा है. साथ ही सरकार के द्वारा भी युवा उद्यमियों को बढ़ावा दिया जा रहा है, ऐसे समय में कुछ बड़ा और नया करने का यह सबसे उतम समय हैं.
संजय सबरवाल ने कहा कि वे व्यवसाय के अलावा वे समाज और पर्यावरण के बदलाव में भी बहुत कुछ करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि एक लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य उन्होंने रखा है. जिसकी शुरुआत भी कर दी गई हैं. उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने सेहत की तरह ही उनके द्वारा उपभोग किए जाने वाले कॉर्बन फुटप्रिंट का भी हिसाब रखना चाहिए. जागरुकता से ही हम पृथ्वी को बचा सकते हैं. साथ ही दिव्यांग और गरीबों के लिए उन्होंने चैरिटी की शुरआत की है.
ये टिप्स भी दिए
– व्यवसाय को तेज गति देने के लिए अवसरों का लाभ उठाना जरूरी.
– सर्वोत्तम श्रेणी की मशीनरी में निवेश करने ने से ही दीर्घकालीन सफलता.
– मानव-केंद्रित नेतृत्व को बढ़ावा देना व सकारात्मकता पर जोर देना जरूरी.
– स्पष्ट बैलेंस शीट और वित्तीय अनुशासन की जानकारी भी काफी अहम.
– विनम्रता और दृढ़ विश्वास को संतुलित करने की कार्यशैली भी आवश्यक.