October 24, 2024 7:17 pm

आतिशी के लिखे पत्र के बाद मिले जवाब पत्र से मिली जानकारी के अनुसार, 59 फीसदी पानी से को रेवेन्यू नहीं आता – वीरेन्द्र सचदेवा

vijendra

सोशल संवाद/ दिल्ली (रिपोर्ट – सिद्धार्थ प्रकाश ) : दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा और भाजपा विधायकों ने आज एक संयुक्त संवाददाता सम्मलेन कर अरविंद केजरीवाल के जलबोर्ड घोटाले का खुलासा किया और साथ ही इन घोटालो की जांच सीबीआई से कराने की मांग रखी। विधायक एवं दिल्ली भाजपा के मुख्य प्रवक्ता अभय वर्मा द्वारा संचालित प्रेसवार्ता में विधायक विजेन्द्र गुप्ता, श्री मोहन सिंह बिष्ट, श्री ओम प्रकाश शर्मा, अजय महावर, अनिल वाजपेयी, जितेन्द्र महाजन उपस्थित थे। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि भाजपा लम्बे समय से कहती रही है कि दिल्ली जलबोर्ड का घोटाला शराब घोटाले से बड़ा है और आप नेता इससे बचने का हमेशा प्रयास करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के वित्त विभाग ने  सर्वोच्च न्यायालय को बताया है कि पिछले 9 साल में 28400 करोड़ रुपए बेहिसाब हैं जिनका कोई हिसाब नहीं है।

वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि 2013 से जलबोर्ड में शुरु हुए घोटालों का खेल आज उस जगह पहुंच चुका है कि अब जल बोर्ड 73000 करोड़ रुपये के कर्जों में डूबा है और उसकी पूर्ती के लिए दिल्ली की जनता को ठगने का प्लान भी तैयार कर लिया गया है।  उन्होंने कहा कि एक तरफ दिल्ली की जल मंत्री सुश्री आतिशी कहती है कि उन्हें पैसा नहीं दिया जा रहा है जबकि दूसरी तरफ साल 2016-17 से अभी तक जल बोर्ड के खाते का ऑडिट ही नहीं किया गया है। मंत्री सुश्री आतिशी को इतनी समझ होनी चाहिए कि आडिट के बिना असीमित समय तक किसी भी सरकारी विभाग को पैसा देना गैर कानूनी है और इस कारण आज जल बोर्ड में घोटाले जैसी स्थिती बन गई है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि  9 मार्च को सुश्री आतिशी द्वारा लिखे गए पत्र में जो जानकारी आई है उससे कई बातों का खुलासा हुआ है। पत्र से मिली जानकारी के अनुसार, 59 फीसदी पानी से कोई रेवेन्यू नहीं आता और अतिरिक्त 15 फीसदी पानी के उपयोग पर कोई पारदर्शिता नहीं है। आज दिल्ली जल बोर्ड में 74 फीसदी पानी का कोई हिसाब नहीं हो रहा। यानी सिर्फ 26 फीसदी पानी से ही पूरा जल बोर्ड चल रहा है। इतना ही नहीं 2021- 22 के तो खाते ही गायब हैं। दिल्ली जलबोर्ड केजरीवाल के भ्रष्टाचार का प्रमुख अड्डा बन चुका है।

वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल सरकार दिल्ली के लोगों पर प्रति वर्ष 5 फीसदी टैक्स सरचार्ज बढ़ाकर अपने आर्थिक घाटे की वसूली करती हैं।  इसलिए रिहायशी इलाकों में चार दिन पहले ही जल इंफ्रास्ट्रक्चर चार्ज बढ़ाया गया है। 16 अक्टूबर 2020 में 200 स्क्वायर मीटर में खर्च 2,15,200 रुपये था जो अब 3,44,320 रुपए हो गए हैं। इतना ही नहीं कमर्शियल प्रॉपर्टी 328800 रुपये से 516480 रुपये कर दिया गया। उन्होंने कहा कि पानी की बिल की हकीकत यह है कि रिहायशी इलाकों में 30 किलो लीटर पानी को 790 रुपए, सर्विस चार्ज 219 रुपए, और फिर सीवर चार्ज 474 रुपए और दोनो को मिलाकर 1484 रूपए बनते हैं और अगर प्रति लीटर पानी की बात करें तो 49 रूपए किलो लीटर होता है। यानि मुफ्त पानी देने की बात करने वाले केजरीवाल सरकार 49 रुपये प्रति किलो लीटर पानी दे रही है।  इसके साथ ही कमर्शियल में लगभग 80 रुपए के आसपास एक किलो लीटर पानी के लिए देना पड़ता है।

अभय वर्मा ने कहा कि दिल्ली के अंदर मोहल्ला क्लीनीक के नाम पर अरविंद केजरीवाल सिर्फ दिल्ली की जनता की आंखों में धूल झोंक रही है। उन्होंने मोहल्ला क्लीनिक और स्वास्थ्य विभाग में चल रहे धांधली को तथ्यों के साथ रखा और कहा कि पूरा का पूरा विभाग भ्रष्टचार में डूबा हुआ है।  ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल का पूरा का पूरा सिस्टम भ्रष्टचार में लिप्त है। जो पानी वह उपलब्ध कराते हैं वह पीने के लायक नहीं होता और स्वास्थ्य विभाग की लचर स्थिति यह है कि अब दिल्ली की जनता मोहल्ला क्लीनिक और दिल्ली सरकार के अस्पतालों में जाने से डर रही है।

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