सोशल संवाद/डेस्क : राम की नगरी अयोध्या में रामलला को विराजमान किए जाने से पहले सजाने-संवारने का काम तेजी से चल रहा है. इस कड़ी में सरकार ने अयोध्या में यूपी की पहली वॉटर मेट्रो चलाने की तैयारी भी कर ली है. इसकी शुरुआत जनवरी से हो जाएगी. अगले महीने ही रामलला को भी भव्य मंदिर में विराजमान किया जाएगा.
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अयोध्या में चलने वाली यह वॉटर मेट्रो यूपी के लिए पहली होगी. इससे पहले कोच्चि में वॉटर मेट्रो का सफल संचालन किया जा चुका है. अयोध्या में 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रदेश की पहली वॉटर मेट्रो का उद्घाटन करेंगे. इसका निर्माण कोचीन के शिपयार्ड में किया गया है और वहां से अयोध्या के लिए रवाना भी हो चुकी हैं. दो कोच तो कोलकाता के रास्ते अयोध्या पहुंच भी चुके हैं.
अयोध्या में चलाई जाने वाली वॉटर मेट्रो में 50 सीटें होंगी, जिसे दोनों किनारों पर स्थापित किया जाएगा. लोहे की बनी इन सीटों को मजबूती के साथ फिक्स किया गया है, ताकि किसी तरह के हादसे की आशंका न रहे. कोचीन शिपयार्ड में बनी यह वॉटर मेट्रो सरयू नदी के ऊपर किसी क्रूज की तरह दिखाई देगी. मेट्रो पूरी तरह एयर कंडीशन वाली होगी, जिससे न तो सर्दियों में यात्री ठिठुरेंगे और न ही गर्मी में उन्हें पसीना बहाना पड़ेगा. वॉटर मेट्रो को नया घाट से गुप्तार घाट तक चलाया जाएगा. दोनों घाटों के बीच दूरी करीब 9 किलोमीटर है, जिसे तय करने में 10 मिनट से भी कम समय लगेगा. अभी दोनों घाटों के बीच सड़क मार्ग से जाने में करीब 40 मिनट का समय लग जाता है, क्योंकि इसके लिए काफी घूमकर जाना पड़ता है. वॉटर मेट्रो आने के बाद यह यात्रियों के आधे घंटे भी बचेंगे और सरयू नदी पर क्रूज का आनंद भी मिलेगा.