May 20, 2024 12:52 pm
Search
Close this search box.
Srinath University Adv (1)

प्राचीन भारत के 5 सबसे शक्तिशाली धनुष

Xavier Public School april

सोशल संवाद / डेस्क : प्राचीन काल में योद्धाओं द्वारा इस्तमाल किये जाने वाले अस्त्र शस्त्रों में तलवार और तीर धनुष सबसे ज्यादा प्रचलित थे। बड़े से बड़े युद्ध में भी तीर और धनुष बेहद  उपयोगी माना जाता था। मीलो दूर से तीर छोरे जाने के बावजूद दुश्मन घायल हो जाया करते थे।

प्राचीन हिंदू इतिहास में विभिन्न दिव्य धनुषों की क्षमताओं का उल्लेख प्राचीन ग्रंथों में मिलता है। ये दिव्य धनुष पवित्र मंत्रों द्वारा संरक्षित थे और इनमें अपार शक्ति थी। आइये कुछ शक्तिशाली धनुषों के बारे में बताते हैं।

यह भी पढ़े : संजीवनी बूटी : कल्पना या आयुर्वेद

  1. पिनाक- इसके निर्माता परमपिता ब्रह्मा को माना जाता है। परन्तु इसे भगवान शिव का धनुष कहा जाता है। इस धनुष की टंकार बादल गरजने से भी ज्यादा तेज़ थी। भगवान शिव ने राक्षसों को मारने के लिए इस धनुष का उपयोग किया था। इस धनुष से छोड़े गए बाणों को किसी भी प्रकार से रोका नहीं जा सकता था। यह धनुष इतना भारी था कि बड़े-बड़े योद्धा भी इसे उठा नहीं पाते थे। रावण, जो भगवान शिव के सबसे बड़े भक्तों में से एक था और स्वयं एक महान योद्धा था, वो भी इस धनुष को उठाने में सक्षम नहीं था। इस धनुष को भगवान विष्णु के अवतार परशुराम जी उठा सकते थे और फिर भगवान राम ने सीता से विवाह करने की शर्त पर इसे तोड़ा था। राक्षस भी इस धनुष से डरते थे, क्योंकि यह धनुष इतनी शक्ति के साथ कई प्रकार के तीर (अस्त्र) मार सकता था कि उन्हें कोई मौका ही नहीं मिलता था। इस धनुष की प्रत्यंचा को किसी भी प्रकार के अस्त्र-शस्त्र से नहीं तोड़ा जा सकता था।

2. गांडीव धनुष-  इस धनुष का निर्माण भगवान ब्रह्मा ने धर्म या सत्य की रक्षा और लड़ने के लिए किया था। और भगवान शिव को दे दिया था, यह धनुष पवित्र मंत्रों से युक्त था और केवल सबसे बहादुर योद्धा ही अपनी भक्ति से इस धनुष को प्राप्त कर सकता था।

इस धनुष से छोड़े गए तीर इतनी अधिक तीव्रता के होते थे कि वे व्यावहारिक रूप से अजेय होते थे। इस धनुष में 108 धनुष की प्रत्यंचाएं हैं और प्रत्येक प्रत्यंचा समान खतरा पैदा करने में समान रूप से सक्षम थी।

महाभारत के युद्ध में अर्जुन ने इस धनुष को चलाया था। अर्जुन एक सच्चे योद्धा और कुशल धनुर्धर थे। वह किसी भी लक्ष्य की आवाज सुनकर ही उसे मार गिराने में सक्षम था। अर्जुन ने अग्नि देव की पूजा करके यह दिव्य धनुष प्राप्त किया था। यह धनुष एक ही समय में कई तीर चलाने में सक्षम था। सोने और रत्नों से जड़ित इस धनुष की टंकार से इतनी तेज बिजली की गड़गड़ाहट होती थी कि युद्ध में सबसे कठोर शत्रु में भी डर फैल जाता था।

इस धनुष का केवल कब्ज़ा ही शत्रुओं में भय फैलाने के लिए पर्याप्त था। अर्जुन एक कुशल धनुर्धर था ही और इस धनुष के होने से वह अजेय हो गया था। यह दिव्य धनुष अपने बाण तरकश के साथ आया था। तीर तरकस को ऐसे मंत्रों से वरदान प्राप्त था जो कभी खाली नहीं हो सकते। यह धनुष शत्रु पर भिन्न प्रकार के अस्त्र चलाने में सक्षम था।

3. शारंग धनुष –   यह धनुष भगवान विष्णु का हैं। इस धनुष का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने किया था । इस धनुष को एक भयंकर धनुष के रूप में जाना जाता है और यह किसी भी योद्धा को मार गिरा सकता है, चाहे उस योद्धा के पास कितनी भी ताकत क्यों न हो।

भगवान राम द्वारा पिनाक धनुष को तोड़ने से भगवान शिव के सबसे महान भक्तों में से एक परशुराम नाराज हो गए। परशुराम आते हैं और भगवान राम को इस धनुष को उठाने और उनके साथ द्वंद्व युद्ध करने की चुनौती देते हैं। भगवान राम सहमत हो गए और आसानी से धनुष उठा लिया और सीधे परशुराम के हृदय पर निशाना लगाया और उनसे विनम्रतापूर्वक पूछा कि उन्हें किस लक्ष्य पर प्रहार करना चाहिए।

परशुराम अपनी सभी शक्तियों से विहीन हो गए, उन्होंने तुरंत पहचान लिया कि श्री राम भगवान विष्णु के अवतार थे। उन्होंने यह महान धनुष भगवान राम को उपहार में दिया था ।

यह धनुष भारी था और इसे केवल एक सच्चा और महान योद्धा ही धारण और उपयोग कर सकता था। इस धनुष के तीर अजेय थे और उनमें अपार शक्ति थी। धनुष पवित्र मंत्रों द्वारा सुरक्षित किया गया था और अविनाशी था। गांडीव धारण करनेके कारण अर्जुन को गांडीव धारी कहा जाता था।

4. विजय धनुष –इस धनुष का निर्माण स्वयं विश्वकर्मा ने किया था। इसे उन्होंने देवराज इंद्र को दिया और देवराज इंद्र ने इसे भगवान परशुराम को प्रदान किया। इस अखंड धनुष से उन्होंने क्षत्रियों का अनेकों बार विनाश किया। बाद में उन्होंने इस धनुष को अपने प्रिय शिष्य महारथी कर्ण को प्रदान किया। हालाँकि इस धनुष का महाभारत में केवल एक ही बार स्पष्ट वर्णन है। महाभारत के अनुसार युद्ध के १७वें दिन कर्ण ने इसी धनुष से अर्जुन से युद्ध किया था। ऐसी मान्यता है कि इस धनुष की प्रत्यञ्चा को काटना असंभव था। विजय धनुष धारण करने के कारण कर्ण को विजयीधारी कहा जाता था।

कर्ण जब तीर चलाते थे और उनका तीर अर्जुन के रथ पर लग जाता था तो रथ पीछे कुछ दूरी तक खिसक जाता था। अर्जुन के रथ पर हनुमानजी स्वयं विराजमान थे और श्रीकृष्ण बैठे थे फिर भी कर्ण के तीर में इतनी क्षमता थी कि वह उस रथ को कुछ कदम पीछे धकेल देता था। कृष्‍ण ने यह भी कहा था कि जब तक कर्ण के हाथ में उसका विजय धनुष है तब तक तीनों लोकों के योद्धा एकसाथ मिलकर भी कर्ण को नहीं हरा सकते हैं। विजय एक ऐसा धनुष था कि किसी भी प्रकार के अस्त्र या शस्त्र से खंडित नहीं हो सकता था। इससे तीर छुटते ही भयानक ध्वनि उत्पन्न होती थी। कहते हैं कि कर्ण का विजय धनुष मंत्रों से इस प्रकार अभिमंत्रित था कि वह जिस भी योद्धा के हाथ में होता था उस योद्धा के चारों तरफ एक ऐसा अभेद घेरा बना देता था जिसे भगवान शिव का पाशुपतास्त्र भी भेद नहीं सकता था।
 

यह भी पढ़े : शकुनी मामा की अनसुनी कहानी, जाने उनके पासों का राज़

मंत्रों से अभिमंत्रित होने के कारण उस विजय धनुष पर जिस भी बाण को रखकर चलाया जाता था, उस बाण की ताकत उसकी वास्तविक ताकत से कई गुना बढ़ जाती थी। कहते हैं कि किसी धनुष के प्राण उसके प्रत्यंचा में होती है और विजय धनुष की प्रत्यंचा इतनी मजबूत थी कि उसे दुनिया के किसी भी अस्त्र और शस्त्र से नहीं काटा जा सकता था।

5. कोदंड – कोदंड वो धनुष था जिससे श्रीराम ने रावण का वध किया था। कोदंड’ का अर्थ होता है बांस से निर्मित। कोदंड एक चमत्कारिक धनुष था जिसे हर कोई धारण नहीं कर सकता था। कोदंड नाम से भिलाई में एक राम मंदिर भी है जिसे ‘कोदंड रामालयम मंदिर’ कहा जाता है। भगवान श्रीराम दंडकारण्य में 10 वर्ष तक भील और आदिवासियों के बीच रहे थे। कोदंड एक ऐसा धनुष था जिसका छोड़ा गया बाण लक्ष्य को भेदकर ही वापस आता था।

Print
Facebook
Twitter
Telegram
WhatsApp
जाने छठ पूजा से जुड़ी ये खास बाते विराट कोहली का जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में 5 नवंबर 1988 को हुआ. बॉलीवुड की ये top 5 फेमस अभिनेत्रिया, जिन्होंने क्रिकेटर्स के साथ की शादी दिवाली पर पिछले 500 सालों में नहीं बना ऐसा दुर्लभ महासंयोग सोना खरीदने से पहले खुद पहचानें असली है या नकली धनतेरस में भूल कर भी न ख़रीदे ये वस्तुएं दिवाली पर रंगोली कहीं गलत तो नहीं बना रहे Ananya Panday करेगीं अपने से 13 साल बड़े Actor से शादी WhatsApp में आ रहे 5 कमाल के फीचर ये कपल को जमकर किया जा रहा ट्रोल…बच्ची जैसी दिखती है पत्नी