सोशल संवाद/डेस्क: सिंहभूम चैम्बर में आयकर अधिनियम सेक्शन-43बी(एच) पर एक परिचर्चा का आयोजन चैम्बर भवन में आयोजित किया गया। जिसपर कोलकाता से आये मुख्य वक्ता अनुभवी चार्टर्ड एकाउंटेंट सीए शिवांक छापरिया ने उपस्थित व्यवसायी एवं उद्यमियों को विस्तृत जानकारी दी। यह जानकारी मानद महासचिव मानव केडिया ने दी।
इस अवसर पर कार्यक्रम की शुरूआत सचिव, वित्त एवं कराधान अधिवक्ता अंशुल रिंगसिया ने मंच संचालन करते हुये मंच पर अतिथियों को आमंत्रित कर कार्यक्रम की शुरूआत की। उन्होंने कहा कि उद्यमियों एवं व्यवसायियों के लिये आयकर के नियमों को जानना बहुत जरूरी होता है ताकि सजा के प्रावधानों से बचकर इसका लाभ उठा सके।
तत्पश्चात् कोषाध्यक्ष सीए अनिल रिंगसिया ने उक्त विषय पर अपनी बातें रखते हुये विषय प्रवेश कराया।
उपाध्यक्ष, वित्त एवं कराधान अधिवक्ता राजीव अग्रवाल ने इस अवसर स्वागत भाषण देते हुये उपस्थित अतिथि का उनके अनुभव के साथ विस्तृत रूप में सदस्यों के समक्ष परिचय रखते हुये कहा कि आज का यह परिचर्चा सदस्यों के लिये काफी लाभप्रद सिद्ध होगा। एमएसएमई सदस्यों को इनकी बारीकियों को ध्यान से सुनकर इसका अनुसरण करना होगा।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में कोलकाता से आये चार्टर्ड एकाउंटेंट शिवांक छापरिया ने इस विषय पर सदस्यों को संबोधित करते हुये प्रमुख बिंदुओं से अवगत कराते हुये कहा कि-
1) आयकर अधिनियम सेक्शन-43बी(एच) को एमएसएमई माईक्रो और स्माॅल उद्यम की सुरक्षा के लिये बनाया गया है इसलिये इनकी बारीकियों को समझना अति आवश्यक है।
2) उक्त सेक्शन अंतर्गत टेªडर्स को कोई लाभ नहीं मिल सकेगा। केवल उत्पादनकर्ता और सर्विस प्रोवाईडर ही इसके लाभ के दायरे में आयेंगे।
सीए शिवांक छापरिया ने उपस्थित सदस्यों को संबोधित करते हुये कहा कि अगर खरीददार किसी एमएसएमई उद्यमी से माल खरीद रहे हैं तो उद्यमी से उद्यम निबंधन प्रमाण पत्र अवश्य लेना चाहिए ताकि इसका लाभ उठा सकें। उन्हांेने कहा कि उद्यमी/बिक्रीकर्ता को अपने सभी प्रपत्रों/इनवाॅयस में अपना उद्यम नंबर अवश्य देना चाहिए तथा अपने बिल/इनवाॅयस में टर्म एंड कंडीशन में बिल भुगतान की अवधि का जिक्र अवश्य करना चाहिए।
तत्पश्चात् सवाल-जवाब के क्रम में सदस्यों ने अपने जिज्ञासाओं को मुख्य वक्ता के समक्ष रखा जिसपर उन्होंने अपने जवाब दिया।
कार्यक्रम के अंत में सचिव अधिवक्ता अंशुल रिंगसिया ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इससे पहले उपाध्यक्ष पुनीत कांवटिया एवं सचिव भरत मकानी ने मुख्य वक्ता को सम्मानित किया।
परिचर्चा के दौरान महासचिव मानव केडिया, उपाध्यक्ष पुनीत कांवटिया, अधिवक्ता राजीव अग्रवाल, भरत मकानी, अधिवक्ता अंशुल रिंगसिया, कोषाध्यक्ष अनिल रिंगसिया के अलावा पवन नरेडी, विकास गढ़वाल, काफी संख्या में चार्टर्ड एकाउंटेंट, अधिवक्तागण एवं व्यवसायी उद्यमी उपस्थित थे।