सोशल संवाद/डेस्क : देश के कई इलाकों में आई फ्लू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ये बीमारी पिछले कई सालों के रिकॉर्ड तोड़ चुकी है. हर दिन नए केस बढ़ रहे हैं. बढ़ते मामलों के बीच लोग आई फ्लू से बचने के तरीके भी खोज रहे हैं. कुछ लोग घरेलू उपचार का सहारा ले रहे हैं, वहीं अब मेडिकल स्टोर्स पर भी आई ड्रॉप की मांग बढ़ गई है. इस वायरस का टाइप आरएनए है. इस तरह के वायरस से कोई दवा या फिर आई ड्रॉप नहीं बचा सकती. डॉ ग्रोवर कहते हैं कि इस समय कई ऐसे मरीज आ रहे हैं जो आई फ्लू होने के कुछ दिन बाद इलाज के लिए आ रहे हैं. इस बीच ये लोग आंखों में घर पर रखे आई ड्रॉप डाल रहे हैं. ये आई ड्रॉप नुकसान पहुंचा सकते हैं.
100 में से 80 मरीजों में मिल रहा एडिनोवायरस – एम्स में आरपी सेंटर के प्रमुख डॉ. जे.एस तितियाल कहते हैं कि आई फ्लू का संक्रमण एडिनोवायरस की वजह से फैल रहा है. यह एक प्रकार का आरएनए वायरस है. अस्पताल में आने वाले 100 में से 80 संक्रमितों में एडिनोवायरस ही मिल रहा है. ऐसे में इससे बचाव करना जरूरी है. बचाव के लिए किसी दवा या घरेलू उपचार पर निर्भर न रहें. खुद से इलाज करने से नुकसान भी हो सकता है. लोगों को सलाह है कि अगर आंखों में जलन, दर्द या आंखें लाल हो रही है तो खुद से इलाज न करें. इस मामले में डॉक्टर से सलाह लें और अस्पताल में जाएं.