सोशल संवाद/डेस्क : कोल इंडिया के विनिवेश को शुक्रवार को खुदरा निवेशकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली और उनके लिए आरक्षित शेयरों से अधिक आवेदन प्राप्त हुए। गैर-खुदरा निवेशकों ने पहले ही इस प्रक्रिया के लिए शानदार प्रतिक्रिया दिखाई है। डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के सचिव तुहिन कांता पांडे ने ट्वीट किया, “CIL ऑफर फॉर सेल (OFS) का दूसरा दिन 1.4 गुना सब्सक्रिप्शन के साथ खुदरा निवेशकों की अच्छी दिलचस्पी के साथ बंद हुआ।” गैर-खुदरा निवेशकों ने आधार आकार (9.24 करोड़ से अधिक शेयर) से 3.46 गुना बोली लगाई। सरकार पहले ही 9.24 करोड़ अतिरिक्त शेयर बेचने के ग्रीन-शू विकल्प का इस्तेमाल करने का फैसला कर चुकी है, जिससे ऑफर का कुल आकार 18.49 करोड़ शेयर हो गया है।
225 रुपये प्रति शेयर के फ्लोर प्राइस पर सरकार को 4,100 करोड़ रुपये से ज्यादा मिल सकते हैं। विनिवेश के बाद, सरकार की हिस्सेदारी 66.13 प्रतिशत से घटकर 63.13 प्रतिशत हो जाएगी। पेश किए गए 18.49 करोड़ शेयरों में से लगभग 1.85 करोड़ खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित हैं, जबकि शेष संस्थागत निवेशकों सहित गैर-खुदरा के लिए हैं।
कोल इंडिया का शेयर शुक्रवार को 0.15 फीसदी की तेजी के साथ 230.90 रुपये पर बंद हुआ। चालू वित्त वर्ष में यह पहला बड़ा विनिवेश है। सरकार का लक्ष्य विभिन्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (CPSEs) में अपनी हिस्सेदारी बेचकर ₹51,000 करोड़ प्राप्त करना है, जिसमें रणनीतिक विनिवेश भी शामिल है। अब सभी की निगाहें आईडीबीआई बैंक पर टिकी हैं, जिसमें सरकार और एलआईसी दोनों प्रबंधन नियंत्रण के साथ अपनी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रहे हैं। इसके अलावा शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, कॉनकोर, पवन हंस जैसी कंपनियों का विनिवेश भी पाइपलाइन में है।