July 27, 2024 8:14 am
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डी. बी. एम. एस. कॉलेज ऑफ एजुकेशन जमशेदपुर में आयोजित;  संगोष्ठी  में समावेशी शिक्षा की समग्र व्याख्या की गई

सोशल संवाद/जमशेदपुर : डी. बी. एम. एस. कॉलेज ऑफ एजुकेशन जमशेदपुर में आयोजित  संगोष्ठी  में समावेशी शिक्षा की समग्र व्याख्या की गई, जिसमें  कमला  सुब्रमण्यम उपाध्यक्ष  डी. बी.एम.एस. ट्रस्ट, लीना अदेसरा प्राचार्य  ग्लोबल  अकादमी , श्वेता चांद   विशेषज्ञ तथा  सुखदीप कौर संस्थापक  जीविका  ने  मानसिक  रूप से  अस्वस्थ  बच्चों  की  शिक्षा तथा  उनके  सही  मार्ग-दर्शन पर अपने  विचार  रखे।

इस अवसर पर कॉलेज की सचिव श्रीप्रिया धर्मराजन, संयुक्त सचिव  उषा  रामनाथन,तमिलसेलवी  बाला कृष्णन,प्राचार्या डॉ जूही समर्पिता , उप प्राचार्या डॉ मोनिका उप्पल तथा  सभी शिक्षक और  कर्मचारी  उपस्थित थे। समावेशी शिक्षा  को  राष्ट्रीय  शिक्षा  नीति  2020 में  भी  बहुत महत्व  दिया  गया  है। साधारण  बच्चों  के  साथ-साथ हम  विकलांग  बच्चों  को  शिक्षा  देते  हैं  तब  उनका  विशेष  रूप  से  शिक्षिका  को  ध्यान  रखना  होता  है  ताकि उनमें  किसी  प्रकार  की  हीन  भावना  विकसित  ना  हो।

उन्हें  समान  अवसर  प्रदान  करना  चाहिए। शिक्षिका  का  दायित्व  है  कि हर  छात्र  के  सर्वांगीण विकास का ध्यान रखे क्योंकि  आदर्श शिक्षिका की अमिट  छाप  बच्चों के व्यक्तित्व पर पड़ती है.

लीना आदेशरा ने अपने  अनुभव  साझा  करते  हुए  कहा  कि समय के साथ समाज मे  जागरुकता  आयी  है  और अब माता  पिता  अपने  बच्चों  की  कमियों  को  पहचान कर उन्हें उचित  शिक्षा  देते हैं।   कमला  सुब्रमन्यम ने  40 वर्षों  के अनुभव के  आधार पर बी  एड  के  छात्रों  को  बहुमूल्य  सुझाव  देते  हुए  कहा  कि  बहुत  धैर्य  प्यार  और  सहानुभूति  से  विशेष बच्चे  का ध्यान रखने को  कहा.

श्वेता चांद  ने  भावुक  हो  कर  अपने अनुभव को  छात्राओं के  बीच  रखा.  उन्होंने  स्लो learners  के  साथ  सब्र के  साथ  पेश आने  की  शिक्षिकाओं  को  सलाह दी.  सुख दीप  ने  विशेष  बच्चों  की  अन्य  प्रतिभा  को  संवारने  की  कोशिश की और  जीविका  के  मंच पर उनके  द्वारा बनाई  गई  चीजों की प्रदर्शनी लगाई और उन्हें प्रोत्साहित किया . कॉलेज के दोनों सत्र के विद्यार्थियों ने  प्रश्नोत्तर के माध्यम से काफी जानकारी प्राप्त की। इस संगोष्ठी का सफल संचालन डॉ मोनिका उप्पल ने किया. स्वागत भाषण  assistant प्रोफेसर मौसमी घोष दत्ता,  और गायत्री कुमारी ने धन्यवाद ज्ञापन किया.

 

 

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