April 27, 2024 3:12 pm
Search
Close this search box.
Srinath University Adv (1)

पूर्व सांसद और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. उदित राज ने संसद में पीएम मोदी के भाषण के झूठे दावों का बिंदुवार खंडन किया

Xavier Public School april

सोशल संवाद/दिल्ली (रिपोर्ट  – सिद्धार्थ प्रकाश ) :  सच्चाई की बात यह है कि कांग्रेस और पंडित जवाहर लाल नेहरू ने डॉक्टर अंबेडकर को पूरा सहयोग और समर्थन किया था। जो भी प्रधानमंत्री मोदी ने कहा वो पूर्णतः असत्य और भ्रामक था। संविधान सभा के सदस्य बनने के बाद डॉ. बी.आर. अम्बेडकर कांग्रेस और पंडित नेहरू के समर्थन से ही संविधान की ड्राफ़्टिंग कमेटी के चेयरमैन और नेहरू जी के साथ सरकार में केंद्रीय क़ानून मंत्री बने। डॉ अम्बेडकर कांग्रेस के सदस्य नहीं थे और फिर भी उन्हें यह अवसर मिला। वह झूठ बोलकर दलितों को कांग्रेस से नाराज करना चाहते हैं।

कांग्रेस पार्टी और डॉ. अम्बेडकर एक दूसरे के पूरक थे। डॉ. अंबेडकर और कांग्रेस के बारे में एक और गलत सूचना फैलाई जाती है कि कांग्रेस के कारण 1952 में पहले चुनाव में उनकी हार हुई, लेकिन तथ्यात्मक रूप से यह गलत है और अनुभवी सीपीआई नेता एस ए डांगे ने उन्हें हराया था। चुनाव में कोई हार के लिए नहीं लड़ता। दरअसल, डॉ. अंबेडकर हिंदूत्व से आहत थे और उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया था। यह घटना कानून मंत्रालय छोड़ने से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। यही दुष्प्रचार एक अन्य राजनीतिक दल ने भी किया और दलितों को कांग्रेस पार्टी से दूर किया गया।

पीएम मोदी का अंबेडकर के प्रति प्रेम आरएसएस और हिंदू महासभा के कृत्यों में देखा जा सकता है, जिन्होंने 12 दिसंबर 1949 को डॉ. अंबेडकर का पुतला और संविधान की प्रति जलाई थी। मंडल का विरोध करके बीजेपी ने सत्ता हासिल की। लाल कृष्ण आडवाणी ने ओबीसी को दिए गए आरक्षण का विरोध करने के लिए रथ यात्रा शुरू की और उन्होंने डॉ. मनमोहन सिंह सरकार और तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री, श्री अर्जुन सिंह द्वारा उच्च शिक्षा (2006) में ओबीसी को दिए गए आरक्षण का विरोध किया। इस आरक्षण के खिलाफ आरएसएस और बीजेपी ने एम्स परिसर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया और आंदोलन का समर्थन किया।

डॉ. उदित राज ने आगे कहा कि मोदी ने सचिव स्तर पर ओबीसी के कम प्रतिनिधित्व के संबंध में संसद में राहुल गांधी जी द्वारा रखे गए तथ्यों को खारिज करने की कोशिश की। पीएम मोदी यह नहीं बोलते कि उन्होंने ओबीसी के लिए क्या किया है, बल्कि नेहरू जी के उस पत्र का ज़िक्र करते  हैं जो मुख्यमंत्रियों को लिखा गया था। 10 साल में उन्होंने क्या किया? उनकी सरकार ने लेटरल एंट्री के माध्यम से आईएएस की भर्ती की और इसमें कोई एससी/एसटी/ओबीसी नहीं है।

पीएम मोदी ने दावा किया कि उनकी सरकार ने पीएसयू को 234 से बढ़ाकर 254 कर दिया है, एससी/एसटी/ओबीसी को रोजगार के बारे में क्या कहना है? उन्होंने फिर झूठ बोला और 2014 में 234 सार्वजनिक उपक्रम थे, अब 254 हैं। मोदीजी हमेशा की तरह गलत आंकड़े दे रहे हैं। उनमें रोज़गार नगण्य हो गये हैं। मोदी सरकार ने 147 सार्वजनिक उपक्रमों का पूर्ण, आधा और आंशिक निजीकरण किया। 30 लाख सरकारी पद खाली पड़े हैं, क्यों नहीं भरे जा रहे और इसका कारण SC/ST/OBC का प्रवेश रोकना है।

Print
Facebook
Twitter
Telegram
WhatsApp
जाने छठ पूजा से जुड़ी ये खास बाते विराट कोहली का जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में 5 नवंबर 1988 को हुआ. बॉलीवुड की ये top 5 फेमस अभिनेत्रिया, जिन्होंने क्रिकेटर्स के साथ की शादी दिवाली पर पिछले 500 सालों में नहीं बना ऐसा दुर्लभ महासंयोग सोना खरीदने से पहले खुद पहचानें असली है या नकली धनतेरस में भूल कर भी न ख़रीदे ये वस्तुएं दिवाली पर रंगोली कहीं गलत तो नहीं बना रहे Ananya Panday करेगीं अपने से 13 साल बड़े Actor से शादी WhatsApp में आ रहे 5 कमाल के फीचर ये कपल को जमकर किया जा रहा ट्रोल…बच्ची जैसी दिखती है पत्नी