सोशल संवाद/डेस्क : हॉर्टिकल्चरल सोसाइटी जमशेदपुर ने 50वां विश्व पर्यावरण दिवस मनाया, जिसमें दीर्घकालिक जीवन को बढ़ावा देने और प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से कई गतिविधियां की गईं। बिष्टुपुर ब्लड बैंक में कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहां समाज के सदस्य पेड़ लगाने और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एकत्र हुए।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में रवि रंजन, आईएफएस, अतिरिक्त प्रधान मुख्य संरक्षक झारखंड ने भाग लिया। एचएसजे की अध्यक्ष श्रीमती सुमिता नूपुर ने रंजन का स्मृति चिन्ह (पौधे) के साथ स्वागत किया और उन्हें “प्लास्टिक प्रदूषण को मात देने” और कार्बन फुटप्रिंट को नियंत्रित करने के लिए स्पीकिंग वॉल और वृक्षारोपण के रूप में समाज द्वारा की गई पहलों के बारे में जानकारी दी।
रंजन ने अपने भाषण के दौरान प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिए तीन आर – रिड्यूस, रियूज और रीसायकल – पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा कि प्रति मिनट 10 लाख प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल पर्यावरण के लिए हानिकारक है। हाल के शोध के अनुसार, पुनर्नवीनीकरण प्लास्टिक भी पर्यावरण और मानव उपयोग के लिए उपयुक्त नहीं है। इसलिए प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद या कम करना ही बेहतर है। उन्होंने कहा कि कार्बन फुटप्रिंट के उत्सर्जन को नियंत्रित करने का एकमात्र तरीका वृक्षारोपण है। अंत में, उन्होंने एचएसजे द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की।
इस कार्यक्रम में एचएसजे के कई वरिष्ठ सदस्य शामिल थे, जिनमें बेरेन मैती, उपाध्यक्ष, जयंत घोष, संयुक्त सचिव, अश्विनी श्रीवास्तव,सचिव, आलोक कुमार, एस बी मंडल, संजय चौधरी, गीता शुक्ला एवं अन्य सदस्य है। एचएसजे के एक वरिष्ठ सदस्य अनिल विद्यार्थी ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया और इस कार्यक्रम की मेजबानी गीता शुक्ला ने की।